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जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा इस्लामनगर, सीएम शिवराज बोले- 308 वर्ष बाद मिली खोई हुई पहचान

इस्लामनगर अब जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 308 वर्ष बाद जगदीशपुर को खोई हुई पहचान मिल रही है. मुख्यमंत्री चौहान जगदीशपुर के चमन महल में गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री चौहान ने 26 करोड़ 71 लाख 86 हजार रूपए के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. उन्होंने जगदीशपुर नामकरण शिला का अनावरण भी किया. सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक विष्णु खत्री, अध्यक्ष एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन शैतान सिंह पाल और केदार सिंह मण्डलोई उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐतिहासिक दृष्टि से जगदीशपुर देवड़ा राजपूतों का गढ़ था. दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर पर अधिकार कर इसका नाम इस्लामनगर रख दिया. पर्यटन स्थल जगदीशपुर में गोड़ महल, रानी महल एवं चमन महल प्रमुख हैं.

मुख्यमंत्री चौहान ने लाम्बाखेड़ा से जगदीशपुर मार्ग, भदभदा से निपानिया जाट मार्ग का मजबूतीकरण, लाम्बाखेड़ा से निपालिया बाजखां मार्ग, ईंटखेड़ी से अचारपुरा मार्ग का चौड़ीकरण, 33:11 केव्ही विद्युत उपकेन्द्र परेवाखेड़ा, ईंटखेड़ी एमआरएफ सेंटर, स्वच्छता परिसर ग्राम पंचायत अचारपुरा, गोलखेड़ी, जगदीशपुर, ईंटखेड़ी सड़क, खेजड़ा देव, निनानिया जाट, नाली निर्माण कार्य ग्राम पंचायत रायपुर, जगदीशपुर एवं निपानिया जाट आदि कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज हम सबका मन आनंद और प्रसन्नता से भरा हुआ है. 308 साल पहले जो अन्याय और बर्बरता हुई थी वह अफगानी ने की थी. उसने धोखा दिया था. जगदीशपुर राजपूतों ने बसाया था. यहां के शासक थे नरसिंह देवड़ा. जगदीशपुर का किला अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है. दोस्त मोहम्मद खान ने राजा नरसिंह देवड़ा को निमंत्रण दिया था और भोजन करते समय हत्या कर दी गई. रानियों ने जल जौहर कर लिया था। आजादी के 75 साल बाद आज हम फिर से जगदीशपुर नाम कर पाए हैं.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि असंभव को संभव करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान सरकार कर रही है. पुराने और गौरवशाली नामों को परिवर्तित किया जाना चाहिए. इतिहास की घटनाओं को ध्यान में रखकर नाम बदलने का क्रम चल रहा है. हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति किया गया है. ऐसे कई नामों को बदला जाएगा. जगदीशपुर का वैशव पुन: स्थापित किया जाएगा. उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि गाँवों का मास्टर प्लान बनाया जाए। जगदीशपुर ऐसा गाँव बने कि लोग देखते रह जाएँ. उन्होंने कहा कि यहाँ राजाओं का स्मारक बनाया जाएगा.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास यात्रा से विकास की नई गंगा बह रही है. उन्होंने कहा कि बेटी को वरदान बनाने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई. अब तक प्रदेश में 44 लाख लाड़ली लक्ष्मी हो चुकी हैं. इसी तरह मेधावी विद्यार्थी योजना बनाई गई. अब बहनों को सशक्त बनाने के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई गई है. इस योजना में गरीब बहनों के खातों में एक-एक हजार रूपए की राशि हर माह दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से सम्मान निधि दी जा रही है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एक के बाद एक योजना बन रही है. जनता की जिंदगी बदलने की कोशिश है. वृद्धा पेंशन राशि 600 से बढ़ा कर 1000 रूपये कर दी जाएगी. आगामी 5 मार्च से मुख्यमंत्री बहना योजना के गाँव-गाँव में शिविर लगा कर कार्य कराए जाएंगे. जून माह से पैसा आना शुरू हो जाएगा. जनता की जिंदगी बदलने का अभियान है. उन्होंने कहा कि हम परिवार की भांति ध्यान रखने की कोशिश कर रहे हैं. सबका मंगल और कल्याण हो, सब सुखी हों. उन्होंने विकास कार्यों में जनता का सहयोग मांगा.

सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि जगदीशपुर का जन-जन चाहता था कि इस्लामनगर से इसका नाम पुन: जगदीशपुर हो जाए. उन्होंने कहा कि जब हम परतंत्र थे तब इसका नाम इस्लामनगर था. जगदीशपुर का अपना एक इतिहास है. इसी को ध्यान में रख कर पुन: जगदीशपुर नामकरण किया गया है. जगदीशपुर अपने पुराने वैभव में लौटा है. केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं. सांसद ठाकुर ने गाँव में भव्य जगदीश भगवान का मंदिर निर्माण कराने का सुझाव रखा.

बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि आज जगदीशपुर में गौरव दिवस मनाने का अवसर मिला है. यह ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि 308 वर्ष बाद यह क्षण देखने को मिला है. जब इस्लामनगर का नाम बदल कर पुन: जगदीशपुर कर दिया गया है. मुख्यमंत्री चौहान की सक्रियता से यह संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि जगदीशपुर को आदर्श पंचायत बनाने के लिए विकास कार्यों की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. सामाजिक सरोकार और जन-भागीदारी के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा. वाणगंगा के किनारे बलिदानी राजाओं का स्मारक बनाने की मांग रखी.

प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने मंच पर पहुँच कर साधु-संतों का शाल-श्रीफल से स्वागत और कन्या-पूजन किया. उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की, वंदेमातरम का गायन हुआ. ग्रामीणों ने साफा पहनाकर अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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