केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को 2023-24 सत्र के लिये गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जिसपर चीनी मिल किसानों से गन्ना खरीदती हैं. गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है.
सत्र 2023-24 के लिये गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था. अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं. सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है. उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था. अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल घटाने के लिये राज्यों को प्रोत्साहित करने को लेकर बुधवार को नई योजना ‘पीएम-प्रणाम’ को मंजूरी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश 2023-24 के बजट में पीएम प्रणाम (धरती की पुनर्स्थापना, जागरूकता, सृजन, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम) योजना लागू करने की घोषणा की थी.
यह भी पढ़ें- अमेरिका ने रूस के खिलाफ बगावत करने वाले वैग्नर समूह से जुड़ी चार कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस योजना के तहत केंद्र राज्यों को वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिये प्रोत्साहन देगा.’’उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर 10 लाख टन परंपरागत उर्वरक का उपयोग करने वाला राज्य इसकी खपत में तीन लाख टन की कमी लाता है, तब 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी की बचत होगी. इस बची हुई सब्सिडी में से 50 प्रतिशत यानी 1,500 करोड़ रुपये उस राज्य को वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और अन्य विकास कार्यों के लिये दिये जाएंगे.
-भारत एक्सप्रेस
Year Ender 2024: साल 2024 में बॉलीवुड और स्पोर्ट्स जगत से कई रिश्तों के टूटने…
Akhilesh Yadav Statement: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के इटावा में…
राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर एक भीषण सड़क हादसे में एक परिवार के 6 लोगों की जान…
पहली बार महाकुंभ के दौरान संगम की रेती पर लोगों को सूचना के अधिकार (आरटीआई)…
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जेएनसीएच, न्हावा शेवा के तत्कालीन प्रिवेंटिव अधिकारी और दो निजी…
फिल्म में रूस-यूक्रेन युद्ध से विस्थापित शरणार्थियों की पीड़ा का सशक्त चित्रण किया गया है.…