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UCC पर मोदी सरकार को मिला AAP का साथ, कहा- यूसीसी होना चाहिए लागू लेकिन…

Uniform Civil Code: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है. अधिकांश विपक्षी दल इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वहीं अब इस मुद्दे पर मोदी सरकार को आम आदमी पार्टी का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है. आम आदमी पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी यूसीसी का सैद्धांतिक तौर पर समर्थन करती है.

आप नेता ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है. संदीप पाठक ने कहा कि सरकार को इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए जिसमें राजनीतिक दल और गैर-राजनीतिक संस्थाएं शामिल हों.

‘आप’ का सैद्धांतिक समर्थन

उन्होंने कहा, ‘‘आप सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करती है लेकिन सरकार को यूसीसी तभी लाना चाहिए जब हितधारकों के बीच आम सहमति हो. हमारा मानना है कि इस तरह के मुद्दों पर हमें आम सहमति से आगे बढ़ना चाहिए. हम मानते हैं कि इसे (यूसीसी को) सभी पक्षों के बीच आम सहमति बनने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए.’’

इसके पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की थी और कहा था, ‘‘हम देख रहे हैं यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?’’

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सपा-कांग्रेस कर रहे विरोध

जबकि पीएम मोदी के इस बयान के बयान के बाद विपक्ष हमलावर है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उनसे (पीएम मोदी) पूछिए कि रोज़गार कब देंगे, महंगाई कब घटाएंगे? वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, “संविधान के अंतर्गत सभी को समान अधिकार दिए गए हैं. अगर समान अधिकार ही देना चाहें तो पहले अपने धर्म की पोंगापंथी को खत्म करें. हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसलिए मंदिर परिसर में जाने से इसलिए रोक दिया जाता है क्योंकि वे आदिवासी समाज की हैं.”

वहीं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ‘एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार’ इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच ‘विभाजन’ बढ़ेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और घृणा अपराध जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता की वकालत कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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