केंद्र की मोदी सरकार ने 18-22 सिंतबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी. संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार (31 अगस्त) को दी. अब विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र में कोई भी प्रश्नकाल, शून्यकाल या फिर निजी सदस्य कार्य संपन्न नहीं किए जाएंगे. सरकार इस दौरान भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षात और जी-20 शिखर सम्मेलन पर चर्चा कर सकती है. इसके अलावा कई बिल भी मोदी सरकार पेश कर सकती है.
जानकारी के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव, यूसीसी और महिलाओं के आरक्षण मुद्दे पर विधेयक पेश कर सकती है. प्रह्ललाद जोशी ने सत्र बुलाए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि अमृतकाल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक देश एक चुनाव का कई बार जिक्र कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार एक देश एक चुनाव का विधेयक संसद में पेश कर सकती है. इसके तहत देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक ही समय में कराया जाएगा. जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी. कानून बनाए जाने को लेकर विधि आयोग भी अध्ययन कर कर चुका है.
वहीं समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का उद्देश्य सभी धर्म, जाति, समुदाय और पंथ के लिए एक ही कानून बने. इसके तहत व्यक्तिगत कानून, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से जुड़े कानूनों को एक सामान्य संहिता के अंदर लाने की संभावना है. गौरतलब है कि इससे भी कई सरकारों में विशेष सत्र बुलाए जा चुके हैं. जिसमें संविधान दिवस के अलावा तमाम विशेष अवसरों पर दोनों सदनों की बैठकें हुईं.
-भारत एक्सप्रेस
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