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One Nation One Election

जेपीसी में कुल 31 सदस्य होंगे, जिनमें से 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सदस्य राज्यसभा से शामिल होंगे. जेपीसी में लोकसभा से सत्तारूढ़ एनडीए के 14 सदस्य और विपक्ष के 7 सदस्य शामिल हैं.

केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' ब‍िल को लोकसभा में पेश किया गया. अब इसे संयुक्त सदन समिति (जेपीसी) में भेजा जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तर्क दिया कि अगर कांग्रेस 77 बार संविधान बदल सकती है, यहां तक ​​कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने वाला एक खंड भी पेश कर सकती है, तो वे इस आधार पर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक पर आपत्ति नहीं कर सकते कि इसके लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी.

लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पेश किए जाने के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस पर हमला बोला. विपक्ष ने कहा कि यह प्रस्ताव ‘लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए है.’

भाजपा ने अपने सभी सदस्यों को मंगलवार को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा है. बीते 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई थी.

Video: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन का वादा किया था और उस पर अमल करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया. समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है.

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर 2 सितंबर, 2023 को कमेटी गठित की गई थी. कमेटी के सदस्यों ने7 देशों की चुनाव व्यवस्था का अध्ययन किया और तमाम चर्चा और विश्लेषण के बाद 191 दिन में 18 हजार 626 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की हुई.

केंद्रीय कैबिनेट ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को मंजूरी दी है, जिसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है. इसके तहत एक साथ लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है, जिसे लागू करने के लिए छह बिल लाने होंगे.

ऐसी खबर है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र या अगले सत्र में इससे जुड़े विधेयक को संसद में पेश कर सकती है.

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन के लिए कम से कम छह विधेयक लाने होंगे और सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी.