Money Laundering Case: दिल्ली की एक अदालत ने घर खरीदने वाले कई लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक संजय चंद्रा एवं अजय चंद्रा को डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इस तरह की जमानत निर्धारित समय के भीतर आरोप-पत्र दाखिल नहीं किए जाने की दशा में मांगा जाता है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, लोक सेवक को प्रभावित करके अनुचित लाभ उठाना, लोक सेवक को रिश्वत देना आदि सहित विभिन्न अपराधों के लिए आरोपियों के खिलाफ दर्ज 60 से अधिक एफआईआर के आधार पर 2018 में मामला दर्ज किया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरज मोर ने कहा कि उन दोनों के खिलाफ जांच निर्धारित अवधि में की गई है. इसलिए वे डिफॉल्ट जमानत के हकदार नहीं हैं. साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार है. इस दशा में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती.
डिफॉल्ट बेल, जमानत का एक अधिकार है जो किसी आरोपी व्यक्ति को तब मिलता है, जब पुलिस एक निश्चित समय के भीतर जांच पूरी करने में विफल रहती है.
— भारत एक्सप्रेस
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