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मुग़लों-अंग्रेजों ने भारत की संस्कृति को नष्ट करने का किया प्रयास: लखनऊ में बोले सांसद दिनेश शर्मा

MP Dinesh Sharma: उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद डा. दिनेश शर्मा ने नेताजी सुभाष स्नाकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति वेद पुराण आदि से इतनी समृद्ध थी कि अमेरिका भी जब अंतरिक्ष का प्रोग्राम करता था भारत की इस संस्कृति का भी अध्ययन करता था.

उन्होंने कहा कि मुग़लों ने इसे नष्ट करने की बहुत कोशिश की और अंग्रेजों ने तो यहां की समृद्ध कुटीर उद्योग व्यवस्था को समाप्त करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी. मैकाले ने तो यहां तक कहा था कि भारत में लम्बे समय तक शासन करने के लिए यहां की संस्कृति और कुटीर उद्योगों को समाप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत ने तरह तरह के प्रयोग किये किंतु उनका आधार वेद पुराण आदि ही थे. उन्होंने सबसे पहले यहां की आदर्श शिक्षा व्यवस्था पर आघात किया और कान्वेन्ट स्कूलों को आगे बढ़ाया तो संस्कृत विद्यालयों को बन्द कराने के लिए तरह तरह के कार्य किये. यही कार्य मुग़लों ने भी किया. उन्होंने भारत के ग्रन्थों को जलाया तथा तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों के दुर्लभ ग्रन्थों को जलाया किंतु भारत के लोगों में इतनी विद्वता थी कि उन्होंने उसे कंठस्थ कर लिया तथा बाद में उनका पुनर्लेखन कर लिया।

अंग्रेजों के आने के बाद महिलाओं की सक्रियता में कमी आई

डा. शर्मा ने रामायण के प्रसंगों को लेकर कहा कि रामचरित मानस में एक ओर भगवान की लीला का वर्णन है तो दूसरी ओर वह मानव के सदव्यवहार के बारे में इंगित करता है. उदाहरण के रूप में श्री राम की निषादराज से मित्रता के कार्य से शिक्षा लेने की प्रेरणा देता है. इसका धीरे धीरे इसलिए क्षरण हुआ कि जो भी आता था संपत्ति के साथ इस पर ही आक्रमण करता था. दक्षिण के मन्दिर इतने समृद्ध रहे कि उन्होंने कई विद्यालय और महाविद्यालय और चिकित्सालय चलाए.

गांवों में ब्राह्मण वैद्य भी होता था जो दवा देने के साथ ही गांव के झगड़ों को समाप्त कराने का भी काम करता था. वह समाज को जोड़ने का काम करता था. वहीं कर्मकांड भी करता था शादी विवाह के अवसर पर समाज की विभिन्न जातियों को किसी न किसी कार्य के लिए जोड़ता था. अध्ययन अध्यापन भी करता था. जहां 50 प्रतिशत खर्च मंदिरों की आय से आता था. अंग्रेजों के आने के बाद भारत में महिलाओं की सक्रियता पर कमी आई. महादेवी वर्मा जैसी कवित्रियों ने समाज को दिशा देने और नारी सशक्तिकरण का काम किया. उन्होंने व्यंग्य में कहा भी की नारी जीवन है तेरी यही कहानी आंचल में है दूध और आंखों में पानी.

नारी सम्मान भारतीय संस्कृति की विशेषता

प्राचीन समय में नारी सम्मान भारतीय संस्कृति की विशेषता रही थी रावण के पास इतनी शक्ति होने के बावजूद सीता का वह कुछ बिगाड़ न पाया बल्कि खुद को पूरे खानदान के साथ ही समाप्त होना पड़ा. द्रौपदी के अपमान के कारण कौरवों का क्या हस्र हुआ यह इतिहास बन गया. कुल मिलाकर नारी सशक्तिकरण के कारण ही उस समय सशक्तिकरण संभव हो सका. नारी को हमेशा सम्मान देने के उदाहरण के रूप में उन्होंने सीताराम , गौरीशंकर, लक्ष्मीनारायण, राधे कृष्णा आदि का नाम लिया. सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को मुग़ल शासक और अंग्रेज लूटकर चले गए यानी उसके पंखों को ले गए.

मोदी ने भारत के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने के कार्य किये

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने पर मोदी ने भारत के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने की दिशा में कार्य किये. उन्होंने सरकारी प्रतीक के तीन शेरों के लटके हुए सिर को जिस प्रकार से ऊंचा किया उसी प्रकार उन्होंने देश के गौरव को ऊंचाई पर ले जाने का काम किए. लोगों ने इस पर प्रश्न किया तो कहा कि आज भारत ऐसा नही है कि कोई उसके साथ जैसा बर्ताव करना चाहे कर सकता है. उन्होंने नारी सशक्तीकरण को नया आयाम दिया 33% का आरक्षण को संवैधानिक दर्जा दिया.

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अंधा परिवर्तन भविष्य को गर्त में डालता है

डा. शर्मा ने आधुनिकता की ओर बढ़ रहे युवकों और पूर्व की संस्कृति के संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि समय के साथ परिवर्तन तो ठीक है किंतु अंधा परिवर्तन भविष्य को गर्त में डालने का काम करता है. उन्होंने महाविद्यालय के संचालकों को सुझाव दिया कि वे महाविद्यालय में कामर्स के शिक्षण की और व्यवस्था करें तथा इसके संबंध में जो मदद संभव है वे करेंगे तथा सांसद निधि से आर्थिक सहयोग भी करेंगे. उन्होंने महाविद्यालय के विकास में बेहतर योगदान के लिए प्राचार्या को बधाई भी दी.

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Rakesh Choudhary

राकेश चौधरी भारत एक्सप्रेस वेबसाइट में सीनियर कंटेट राइटर के पद कार्यरत हैं। पिछले 6 वर्षों से मीडिया क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मूलरूप से जोधपुर (राजस्थान) के रहने वाले हैं। दिल्ली से पत्रकारिता और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2018 में अमर उजाला डिजिटल (नोएडा) से की। इसके बाद समाचार प्लस, दैनिक जागरण, Inshorts मीडिया, News 24 और डीडी स्पोर्ट्स में भी अपनी सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया में रहने हुए पाॅलिटिकल बीट पर काम किया।

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