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नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों को मजबूत करती है

दिसंबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ 31 मई से नई दिल्ली की चार दिवसीय यात्रा पर थे. नेपाल के पीएम दहल की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सदियों पुराने और बहुआयामी संबंधों को मजबूत करना और आपसी सम्मान, सहयोग और संप्रभु समानता की प्रतिबद्धता को उजागर करना है. भारत और नेपाल मजबूत धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध साझा करते हैं जो सदियों पुराने हैं. प्रचंड की भारत यात्रा एक गहरा संदेश देती है. वहीं दिसंबर 2022 में सत्ता संभालने के बाद से, प्रचंड ने इस बात पर जोर दिया है कि नई सरकार भारत के साथ ‘संतुलित और भरोसेमंद’ संबंधों का पालन करेगी, जिसमें दोनों देशों में से किसी एक के प्रति कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.

पुष्पा कुमार दहल को सरकार बनाने के लिए सबसे पहले बधाई देने वाले और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध व्यक्त करने वालों में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. विशिष्ट रूप से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों वाले दोनों देशों के बीच प्राकृतिक बंधुता की ओर इशारा करते हुए दोनों पक्षों ने मिलकर काम करने को लेकर हर्ष व्यक्त किया.

‘पड़ोसी पहले’ की नीति

दोनों देश न केवल खुली सीमाओं को साझा करते हैं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच हमेशा निर्बाध आवाजाही होती रही है, जिन्होंने विवाह और पारिवारिक बंधनों के माध्यम से संबंध बनाए हैं. भारत के भू-राजनीतिक और सुरक्षा गणना में नेपाल के अत्यधिक सामरिक महत्व के बावजूद, भारत ने कभी भी नेपाल के साथ अपने संबंधों को इतने संकीर्ण चश्मे से नहीं देखा.

बल्कि, नेपाल में भारत की भागीदारी को उसके ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत और ‘पड़ोसी पहले’ की नीति द्वारा सूचित किया गया है. इस संबंध में, भारत का मुख्य ध्यान बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहायता और अनुदान के माध्यम से नेपाल के विकास को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और मानव विकास संकेतकों में सुधार करना और 2015 के भूकंप जैसी प्रतिकूलताओं के दौरान नेपाल का समर्थन करना रहा है.

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नेपाल के साथ कई परियोजनाएं

भारत पहले से ही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं पर नेपाल के साथ सहयोग कर रहा है. रामायण सर्किट बनाने की परियोजना जो पहले ही दो पड़ोसी देशों के विभिन्न स्थलों को जोड़ चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी अंतिम यात्रा के दौरान एक भारतीय मठ की आधारशिला रखी गई.

Rohit Rai

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