उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है. बाबा केदारनाथ के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गया हैं. इसके साथ ही यमनोत्री के द्वार भी विधिविधान से बंद कर दिए गए है. चारधाम यात्रा ने इस वर्ष अपने सारे रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित किया हैं. इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में घोड़े खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी यात्रा के भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार किया गया है.
वहां के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम यात्रा को सफल एवं सुगम बनाने के लिए तीर्थ पुरोहित और समाज, मंदिर समिति, व्यापार मंडलों, जनप्रतिनिधियों, घोड़ा-खच्चर संचालकों, टैक्सी यूनियन समेत यात्रा से जुड़े सभी लोगों एवं संस्थानों को धन्यवाद दिया है.
साथ ही जिले के सभी अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, आपदा प्रबंधन, जल एवं विद्युत निगम, सफाई कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद देने के साथ यात्रा के सफल संचालन की बधाई भी दी है. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए शुरू की गई क्यूआर कोड योजना से प्लास्टिक निस्तारण में काफी मदद हुई है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले साल इसे व्यापक रूप से लागू किया जा सकता है. यात्रियों की सुविधा के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन कराए गए है जिससे यात्रियों को अनावश्यक लाइन में नहीं लगना पड़े और मंदिर के आस-पास भी भ्रमण का मौका मिल सके.
-भारत एक्सप्रेस
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