Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से ही गहमा-गहमी बढ़ी हुई है. आगामी लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को टक्कर देने की विपक्ष ने कवायद शुरू कर दी है लेकिन अभी भी एक छतरी के नीचे सभी विपक्षी दल आ नहीं पाए हैं. बीजेपी को घेरने की कोशिश के बीच तमाम विपक्षी दल भी अलग-अलग खेमे में दिखाई दिए हैं. हालांकि, एक बार फिर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली के दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले हैं.
इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी और नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेताओं के साथ हुई मुलाकात पर कहा, “अभी बात हो गई है. हमने काफी देर चर्चा की है. अधिक से अधिक पार्टियों को पूरे देश में एक जुट करने का प्रयास करना है. हम आगे एक साथ काम करेंगे ये तय हो गया है.
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष को एक करने में एक बेहद ऐतिहासिक कदम लिया गया है, यह एक प्रक्रिया है. विपक्ष का देश के लिए जो विजन है हम उसे विकसित करेंगे. उन्होंने कहा कि जितनी भी विपक्षी पार्टी हमारे साथ चलेंगी हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे और लोकतंत्र और देश पर जो आक्रमण हो रहा है हम उसके ख़िलाफ एक साथ खड़े होंगे और लड़ेंगे.
जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हमने यहां ऐतिहासिक बैठक की है. आज बहुत से मुद्दों पर चर्चा हुई है. हमने तय किया कि सभी पार्टियों को एकजुट कर और एक होकर आगे के चुनाव लड़ेंगे. हम सभी उसी रास्ते पर आगे चलेंगे.” तीनों नेताओं ने विपक्ष को एकजुट करने की बात तो की लेकिन 2024 में पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा या फिर विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा? इस पर चुप्पी साध ली.
दरअसल, एनडीए से अलग होने के बाद से ही राजद-जदयू का एक खेमा नीतीश कुमार के लिए लामबंदी करता रहा है, जबकि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को पीएम पद का चेहरा बताती रही है.लेकिन सूत्रों के हवाले से अब खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार को विपक्ष को एकजुट करने की जिम्मेदारी दी है. नीतीश कुमार अन्य विपक्षी दलों को भी साथ लाने की कोशिश करेंगे. वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे दक्षिण में समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की दिशा में कोशिश करेंगे.
दरअसल, आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है.अगर यह सजा बरकरार रही तो वे अगला चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और ऐसे में पीएम पद पर उनकी दावेदारी भी जाती रहेगी. नीतीश कुमार के लिए ये वक्त माकूल हो सकता है और वे विपक्ष को एकजुट करने में कामयाब होते हैं तो शायद कांग्रेस भी उनकी दावेदारी को स्वीकार कर ले. नीतीश कुमार भी पिछले कुछ समय से कांग्रेस को उनके साथ आने का आह्वान करते रहे हैं.
अन्य विपक्षी दलों की बात करें तो, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव भी गैर-बीजेपी गैर-कांग्रेसी खेमे को एकजुट करने की बात कर रहे हैं. इधर, आम आदमी पार्टी की ममता बनर्जी से भी नजदीकियां बढ़ी हैं, दूसरी तरफ केसीआर के साथ भी उनकी बैठकें हो चुकी हैं. इसी तरह, सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी केसीआर के साथ नजर आ चुके हैं. ऐसे में इन नेताओं को एक मंच पर लाने में नीतीश कुमार किस हद तक कामयाब हो पाएंगे, आने वाले समय में इसके संकेत जरूर मिल जाएंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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