आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सियासी लड़ाई तेज होती जा रही है. AAP की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. इसी कड़ी में संदीप दीक्षित ने कहा है कि ” एक समय था जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था, लेकिन अब जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकार दिल्ली में काम कर रही है और दोनों के बीच जिस तरह से सत्ता का बंटवारा है उसमें कुछ ज्यादा बदलाव होने की जरूरत नहीं है.”
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि केजरीवाल खुद एंटी करप्शन ब्रांच से बचने के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग की शक्ति पाना चाहते हैं, जो किसी भी हाल में नैतिकता नहीं है. संदीप दीक्षित ने ये भी कहा कि आज दिल्ली की जो हालत है वह उसके हित की है, बस कुछ चीजों में सुधार करने की जरूरत है, जैसे ट्रांसपोर्ट दिल्ली सरकार के पास है, तो ट्रैफिक पुलिस भी उनके पास होनी चाहिए.
कुछ काम की चीजों में बदलाव करने के साथ ही कुछ विभाजन की भी जरूरत है. डीडीए एक ऐसी संस्था है जिसने पिछले 20-30 सालों में वैसा काम बिल्कुल भी नहीं किया है जैसा उसे करना चाहिए था. इसलिए जरूरी है कि डीडीए को ज्यादा जवाबदेह बनााया जाना चाहिए. डीडीए के अंदर फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के साथ ही डीडीए का केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच सामंजस्य होना चाहिए.
उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल की तरफ से किसी भी तरह का फीडबैक आता है तो उसे गंभीरता से लेने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल सबसे पहले अपनी पार्टी, पैसे और दुरुपयोग को देखेंगे. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने से बेहतर है कि कुछ कमेटियां बनाई जानी चाहिए. जो दिल्ली के लोगों के हित को देखे और बेहतर तरीके से चले. पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग सही नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
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