भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली, लेकिन इस आजादी के साथ एक दर्द भी दबे पांव आया और ये दर्द था देश का विभाजन. भारत दो टुकड़ों में बंटा और एक नया देश बना पाकिस्तान. जहां बंटवारे के बाद हिंदुओं की संख्या 13 फीसदी थी. जो आज महज 2 प्रतिशत पर आकर सिमट गई है. वहीं मुस्लिमों की आबादी लगातार तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. जब देश का बंटवारा हुआ और उसके बाद 1951 में आबादी के आंकड़े जारी किए गए तो हिंदुओं की आबादी करीब 13 फीसदी थी. जो आज घटकर महज 2 प्रतिशत बची है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण धर्मांतरण का रहा है. हिंदुओं को जबरन इस्लाम धर्म कबूल करने पर मजबूर किया गया. उनकी बहन-बेटियों को अगवा कर मुस्लिम युवकों से शादी कराई गई और धर्म परिवर्तन करा दिया गया. ये सिलसिला आज भी उसी रफ्तार से चल रहा है. जिसमें रोजाना हिंदू बेटियों का जबरन धर्मांतरण कराकर मुस्लिमों के साथ निकाह कराया जा रहा है, लेकिन उनकी इस परेशानी को सुनने और समझने के लिए न तो पाकिस्तान की सरकार कदम आगे बढ़ा रही है और ना ही विश्व समुदाय.
धर्मांतरण के इस गंदे धंदे का शिकार गरीब हिंदु से लेकर रसूखदार लोग भी हैं. इनकी आवाज को पाकिस्तान में कोई सुनने वाला नहीं है. हाल ही में एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया गया है. जिसे भारत के मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट किया है. ये वीडियो पाकिस्तान की असेंबली का है. जहां एक हिंदू एमपीए मंगला शर्मा अगवा की गई 14 साल की बच्ची सुहाना शर्मा के मुद्दे को उठाते हुए रो पड़ीं. धर्मांतरण का शिकार हुईं सुहाना शर्मा मंगला शर्मा के रिश्तेदार दिलीप शर्मा की बेटी है. मंगला शर्मा ने असेंबली में इस दर्द को बयां करते समय रो पड़ीं. उन्होंने पंजाबी में बोलते हुए कहा, “असाँ ते रहम करो…असाँ दी नयानियाँ ते रहम करो”
सुहाना शर्मा के अपहरण और जबरन निकाह के मामले को मंगला शर्मा ने सिंध विधानसभा में उठाया तो इसपर बहस छिड़ गई. मगंला शर्मा ने विधानसभा में बताया कि सोहाना शर्मा का उसके ट्यूशन टीचर ने अपहरण कर लिया. उसके बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम लड़के से शादी करवा दी गई. निकाह जबरन तरीके से नहीं कराया गया है इसे साबित करने के लिए निकाहनामा भी तैयार करवा लिया. जिससे कहा जा सके कि लड़की ने अपनी मर्जी से निकाह किया है.
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मामले को लेकर प्रांतीय मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार कानूनों को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है. किसी के दबाव में धर्म परिवर्तन पूरी तरह से कानून के खिलाफ है.
फिलहाल ये किसी एक सुहाना शर्मा या फिर सीमा की कहानी नहीं है. ऐसी तमाम लड़कियों का हथियारों के बल पर आए दिन अपहरण किया जाता है. उसके बाद धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिमों के साथ निकाह कराया जाता है. पिछले कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो देखने को मिलता है कि पाकिस्तान में 13 फीसदी से 2 प्रतिशत में पहुंचे हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय इन्हीं धर्मांतरण की घटनाओं का नतीजा है.
पाकिस्तान में क्रिश्चियन सॉलिडैरिटी वर्ल्डवाइड के भागीदारों में शामिल सेंटर फॉर सोशल जस्टिस की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 और 2022 के बीच 202 मामले अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन निकाह कराए जाने के सामने आए. ये सभी मामले सिंध और पंजाब प्रांत के हैं. इन 202 मामलों में 120 हिंदू महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराकर मुस्लिम युवकों के साथ निकाह कराया गया. इसके अलावा 80 ईसाई और 2 सिख शामिल हैं. इन आंकड़ों में ये भी बताया गया कि जिन महिलाओं और युवतियों को अगवा कर धऱ्म परिवर्तन कराया गया इनमें सिर्फ 20 लड़कियों की उम्र को ही सिर्फ 18 साल से ज्यादा होने का दावा किया गया इसके अलावा 133 लड़कियों की उम्र 18 साल से कम थी.
-भारत एक्सप्रेस
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