परमाणु हथियारों (Nuclear Weapon) की होड़ फिर से तेज हो चुकी है. चीन और पाकिस्तान जैसे मुल्क लगातार इन हथियारों की खेप में इजाफा कर रहे हैं. स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI ने दावा किया है कि भारत के मुकाबले चीन और पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाई है. रिपोर्ट के मुताबिक महज कुछ ही सालों के दौरान चीन ने 60 तो वहीं पाकिस्तान ने 5 परमाणु हथियारों को अपने जखीरे में शामिल किया है.
वहीं, भारत के संदर्भ में भी इस थिंक टैंक ने दावा किया है. इसका दावा कि भारत ने 4 नए परमाणु हथियार तैयार किए हैं. यह भी दावा किया गया है कि मानवता सबसे खतरनाक दौर से गुजर रही है. चीन के चलते न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ती जा रही है. अगर थिंक टैंक SIPRI के दावों पर यकीन किया जाए तो भारत के लिए यह सबसे बड़ा अलार्मिंग सिचुएशन है. क्योंकि, दावे में जहां भारत के 4 नए परमाणु हथियार बनाने की बात है, तो वहीं चीन की गिनती 60 की है.
SIPRI ने जनवरी 2023 तक का आंकड़ा जारी किया है. इसमें रूस और अमेरिका के पास सबसे ज्यादा एटमी हथियार हैं. सबसे ज्यादा परणाणु हथियार रूस के पास हैं. रूस के पास 4,489 परमाणु हथियार हैं. वहीं, 3,708 संख्या के साथ अमेरिका दूसरे नंबर पर है. जबकि, चीन 410 परमाणु हथियारों के साथ 3 तीसरे नंबर पर है. इसके बाद फ्रांस (290) और ब्रिटेन (225) का स्थान है. भारत परमाणु हथियारों के मामले में 6वें नंबर पर है. स्वीडिश थिंक टैंक के मुताबिक जनवरी 2023 तक भारत के पास कुल 164 परमाणु हथियार हैं. वहीं, 7वें नंबर पर इजराइल (90) और नॉर्थ कोरिया (30) है.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल दुनिया भर में 86 नए परमाणु हथियार बने हैं और इसमें सबसे तेजी से चीन ने बनाया है. SIPRI की मानें तो दुनिया भर में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 12,512 है. इसमें पिछले कुछ सालों में चीन ने तेजी से हथियार बनाने शुरू किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक चीन ने सबसे ज्यादा 60 नए परमाणु हथियार बनाए हैं. जबकि, इसके बाद रूस का स्थान है. लेकिन, दूसरे स्थान पर रूस ने 12 परमाणु हथियार बनाए हैं. वहीं तीसरे स्थान पर नॉर्थ कोरिया है और पांचवे स्थान पर पाकिस्तान है. नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान ने 5-5 नए परमाणु हथियार बनाए हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से अधिकांश देशों ने अपने परमाणु हथियारों की जानकारी देनी बंद कर दी. इसी जंग के चलते रूस ने अमेरिका के साथ अपना परमाणु समझौता भी रद्द कर दिया. न्यू START ट्रीटी अमेरिका और रूस के बीच एक मात्र ऐसा समझौता था, जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे को अपने परमाणु हथियारों की जानकारी एक दूसरे से साझा करते थे.
परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) आम तौर पर दो तरह के हैं. एक स्ट्रैटेजिक और दूसरा टेक्टिकल. स्ट्रैटेजिक परमाणु हथियार भारी-भरकम और दूर तक मार करने वाले होते हैं. मसलन, ये इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों के जरिए भयंकर तबाही मचा सकते हैं. जबकि, टेक्टिकल हथियार कम वजन वाले और छोटी दूरी में मार कर सकते हैं. हालांकि, अब ऐसे परमाणु हथियार बनाए जा चुके हैं जो स्ट्रैटेजिक और टैक्टिकल दोनों तरह के होते हैं. अमेरिका ने इस हथियार का नाम B61 परमाणु बम रखा है. हालांकि, अभी अधिकांश देश टेक्टिकल परमाणु हथियार को ही तरजीह ज्यादा दे रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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