प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े फुलवारी शरीफ मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कर्नाटक, केरल और बिहार में 25 से अधिक स्थानों पर छापेमारी शुरू की है. एनआईए ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. छापेमारी के दौरान, सूत्रों ने दावा किया कि उन्होंने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं.
एक सूत्र ने कहा, हम फंडिंग एंगल की जांच कर रहे हैं. इन क्षेत्रों से फंडिंग की जा रही थी जहां हम छापेमारी कर रहे हैं. कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ इलाके में छापे मारे जा रहे हैं और विवरण की प्रतीक्षा हैं.
यह मामला शुरू में 12 जुलाई 2022 को बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज किया गया था. एनआईए ने 22 जुलाई 2022 को फिर से मामला दर्ज किया था. एनआईए ने 7 जनवरी 2023 को चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.
एनआईए ने कहा था, जांच से पता चला है कि अनवर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी का पूर्व सदस्य है और वर्तमान में बिहार और उत्तर प्रदेश के कई पीएफआई सदस्यों से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक अतहर परवेज भी शामिल है, जिसे प्राथमिकी में नामित किया गया था और पिछले साल 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए की जांच के अनुसार, पीएफआई के लिए काम करने के लिए सिमी के पूर्व सदस्यों के एक गुप्त समूह को तैयार करने में अनवर की महत्वपूर्ण भूमिका थी. पीएफआई के बैनर तले मुख्य एजेंडा भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना था, जैसा कि संगठन के ‘भारत 2047 दस्तावेज’ में कल्पना की गई थी.
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