मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मणिपुर और नूह (मेवात) की हिंसा की घोर निंदा करता है। मंच का मानना है कि हिंसा, द्वेष, आपसी कलह या कत्लेआम से न तो किसी समाज का भला हुआ है और न ही होगा। मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की आकस्मिक ऑनलाइन हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि ऐसे सभी असमाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो जो देश की एकता, अखंडता और सौहार्द से खिलवाड़ करते हों। मंच के राष्ट्रीय संयोजकों, सह संयोजकों एवं प्रभारियों का मानना है कि इस मामले में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए। मंच का मानना है कि सभी धर्मों के लोग अपने अपने धर्मों पर चलें और दूसरे धर्मों का सम्मान करें। कोई भी धर्म दूसरे धर्म की पूजा पद्धति में हस्तक्षेप न करे और ऐसी कोई भी हरकत ना करे जिससे अशांति एवं कटुता फैले। मीडिया प्रभारी ने बताया कि मंच के उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि आगामी 15 अगस्त और रक्षाबंधन को पूरी धूमधाम से मनाने का निर्णय हुआ है। साथ ही साथ जिस प्रकार हफ्ते की ईद मानते हुए शुक्रवार की नमाज पढ़ी जाती है उसी प्रकार शुक्रवार की सुबह फजिर की नमाज के बाद एकत्र होकर कसरत वार मनाया जायेगा जिससे तन और मन की फिटनेस पर जोर होगा। यह कदम एक मजबूत भारत की नींव रखने के समान होगा। इस बीच, मंच एक बार पुनः विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस ऋतु राज अवस्थी से मिल कर यूसीसी पर अपनी राय रखेगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ऑनलाइन उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक और प्रभारियों ने शिरकत की। बैठक में मोहम्मद अफजल, विराग पाचपोर, शाहिद अख्तर, डॉक्टर ताहिर हुसैन, अबु बकर नकवी, शालिनी अली, गिरीश जुयाल, शाहिद सईद, एस के मुद्दिन, इस्लाम अब्बास, बिलाल उर रहमान, ठाकुर राजा रईस, सैयद रज़ा रिज़वी, रेशमा हुसैन, शहनाज अफजल, सुषमा पाचपोर, शिराज कुरैशी, डॉक्टर मजीद तालिकोटी, तुषरकांत हिंदुस्थानी, फारूक खान, खुर्शीद रजाका, मजाहिर खान, इमरान चौधरी, हाजी मोहम्मद साबरीन, महताब आलम रिजवी समेत कुछ अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। जिसमें सारे फैसले सर्वसम्मति से लिए गए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समाज के हर समुदायों के बीच एकता और सद्भाव का आह्वान करता है। संगठन किसी भी प्रकार के धार्मिक उत्तेजना की निंदा करता है जो हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देता है। मणिपुर और मेवात (नूंह) में हिंसा की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। मंच हिंसा के इन कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। संगठन का दृढ़ विश्वास है कि धार्मिक मतभेद कभी भी संघर्ष का कारण नहीं होना चाहिए, और ऐसे मतभेदों के आधार पर हिंसा भड़काने के किसी भी प्रयास की निंदा होनी चाहिए एवं समाज में जहर घोलने वालों पर ठोस कार्यवाई होनी चाहिए। मंच सभी नागरिकों के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देते हुए, विभाजन और हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा है। अपनी साझा विरासत और मूल्यों को अपनाकर हम अपने देश और इसके लोगों के लिए बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने फैसला किया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड अर्थात समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस ऋतु राज अवस्थी से पुनः मिल कर अपनी राय रखेगा। इस मुलाकात में जस्टिस अवस्थी को यूसीसी के समर्थन में ज्ञापन देने के साथ साथ अनेकों सुझाव पत्र भी दिए जायेंगे। इससे पहले 23 जुलाई को भी मंच की इकाई भारत फर्स्ट ने विधि आयोग के चेयरमैन से मिलकर समर्थन का ज्ञापन सौंपा था। उस मौके पर जस्टिस अवस्थी ने कहा था कि मंच अधिक से अधिक सुझाव रखे ताकि ड्राफ्ट बनाते समय सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर किया जा सके।
देश की आजादी को 76 वर्ष होने वाले हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश भर के लोगों से आह्वान करता है कि सभी इस जश्न को बड़े ही धूम धाम से मनाएं। मंच का मानना है कि यह देश की एकता के प्रतीकात्मक प्रदर्शन को प्रोत्साहित करता है। मंच साथ ही साथ नागरिकों से धार्मिक संबद्धता की परवाह किए बिना हर घर, स्कूल, मदरसों, धार्मिक संगठनों के दफ्तर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह करता है। यह कदम भारतीयों के रूप में हमारी साझा पहचान का एक शक्तिशाली प्रतिनिधित्व होगा और एकता, विविधता और देशभक्ति के मूल्यों को शक्ति पहुंचाएगा।
भाईचारे को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अनेक वर्षों से अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर रक्षा सूत्र के कार्यक्रम करता आरहा है। मंच देश के हर एक समुदाय, हर एक वर्ग से रक्षाबंधन उत्सव मनाने की वकालत करता है। परंपरागत रूप से भाई-बहन के बीच के बंधन का प्रतीक यह त्योहार समाज के सभी सदस्यों के बीच आपसी सम्मान और समर्थन का गहरा अर्थ रखता है। संगठन का मानना है कि इस तरह के समारोह विभिन्न समुदायों के बीच दूरियों को पाट सकते हैं और संबंधों को मजबूत कर सकते हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति से एक स्वस्थ परिवार बनता है, एक स्वस्थ परिवार से एक स्वस्थ मोहल्ला बनता है, एक स्वस्थ मोहल्ला से एक स्वस्थ समाज बनता है और एक स्वस्थ समाज एक स्वस्थ देश बनाते हैं। इस बात पर गंभीरता से विचार करते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यह फैसला किया है कि शुक्रवार को जिस तरह हफ्ते की ईद मान कर सामूहिक नमाज पढ़ी जाती है उसी प्रकार शुक्रवार को फजिर (सुबह) की नमाज के बाद शारीरिक फिटनेस अभ्यासों पर केंद्रित सभाओं की मेजबानी करेगा। ये व्यायाम सत्र नागरिकों को एक साथ आने, राष्ट्र से संबंधित मामलों पर चर्चा में शामिल होने और सामूहिक कल्याण में योगदान करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। मंच का मानना है कि जिस प्रकार रोजाना लोग नमाज पढ़ते हैं या अपने धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पूजा करते हैं उसी प्रकार हर एक व्यक्ति रोजाना घर पर या अपनी सहुलत के हिसाब से पार्क में व्यायाम करे। और सप्ताह में एकदिन शुक्रवार को कसरत वार मानते हुए सुबह के समय अपनी अपनी सहुलतों के हिसाब से एकत्र हो कर व्यायाम और राष्ट्रगान करे।
-भारत एक्सप्रेस
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