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Manipur Violence

NPP के इस कदम से मुख्यमंत्री N. Biren Singh के नेतृत्व वाली सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में BJPके पास 37 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है.

Manipur Violence: रविवार रात को गुस्साई भीड़ ने जिरीबाम में कई राजनीतिक दलों के कार्यालयों को जला दिया. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने इंफाल की मुख्य सड़कों पर टायर भी जला दिए.

मणिपुर में हिंसक घटनाओं के बीच कई संगठनों से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. कल शाम को सैकड़ों महिला-पुरुष सड़कों पर उतर आए और मणिपुर सरकार के मंत्रियों-विधायकों के घरों की घेराबंदी की. वे CM के घर तक पहुंच गए.

मणिपुर राज्य में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से स्थिति गंभीर बनी हुई है. जिरीबाम में तीन लाशें मिलने के बाद लोग सड़कों पर उतरे. सरकार के दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों की घेराबंदी की.

मणिपुर को 1980 से ही AFSPA के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा प्राप्त है और इसे 2004 में 32 वर्षीय थांगजाम मनोरमा की हत्या के बाद हुए कड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद इंफाल के कुछ हिस्सों से वापस ले लिया गया था.

अफवाहों पर रोक लगाने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से जिरीबाम जिले में प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है.

मणिपुर के मुख्यमंत्री का एक ऑडियो टेप सामने आया है, जिसमें वह यह दावा करते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने ही राज्य में हिंसा भड़काई, हथियारों को लूटने दिया और हिंसा में शामिल लोगों को संरक्षण दिया.

Manipur Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि राज्य में हिंसा प्रभावित लोगों के लिए 7,660 घर बनाए जाएंगे. 

मणिपुर में हिंसा की खबरें फिर से आने लगी हैं. हाल ही में वहां मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद जिरीबाम जिले में कुकी समुदाय के चार लोगों को मार दिया गया.

भागवत ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की, जहां सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है और स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं.