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अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश की गई पीएम मोदी की चादर, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने प्रधानमंत्री का पढ़ा संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर दरगाह पर 813वें उर्स के मौके पर चादर पेश की. दरगाह पहुंचने पर गद्दीनशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती, सैयद अफशान चिश्ती, और खुद्दाम-ए-ख्वाजा समुदाय के अन्य सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

इस अवसर पर रिजिजू के साथ किशनगढ़ के सांसद भागीरथ चौधरी, राजस्थान सरकार के मंत्री सुरेश सिंह रावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था. दरगाह प्रशासन ने इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री द्वारा देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में सराहा.

डिजिटल पहल की शुरुआत

रिजिजू ने इस मौके पर ‘गरीब नवाज’ नामक मोबाइल ऐप और दरगाह के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की. उन्होंने कहा, “ये डिजिटल प्लेटफॉर्म तीर्थयात्रियों को सुविधाओं, मार्गदर्शन और अन्य आवश्यक जानकारियों के लिए एक व्यापक स्रोत प्रदान करेंगे. इसका उद्देश्य तीर्थयात्रा को सुगम और बेहतर बनाना है.”

रिजिजू ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश करना पूरे देश की ओर से एकता और सौहार्द का संदेश है. अजमेर दरगाह पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिन्हें कई बार असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने नई डिजिटल पहलों की शुरुआत की है.”

उर्स की आधिकारिक शुरुआत

1 जनवरी को अजमेर में उर्स की शुरुआत परंपरागत रूप से बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप दागकर की गई, जिसकी घोषणा शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी और अन्य समिति सदस्यों ने की.

इससे पहले 2 जनवरी को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार, और बॉलीवुड के कुछ प्रतिनिधियों ने भी दरगाह पर चादर पेश की थी.

सूफी विरासत का सम्मान

अजमेर शरीफ दरगाह, जो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सूफी दरगाहों में से एक है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है. इस वर्ष आयोजित उर्स का उद्देश्य ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की सूफी परंपरा और उनकी शिक्षाओं को सम्मानित करना है.

दरगाह प्रशासन के अनुसार, प्रधानमंत्री का यह कदम और रिजिजू की मौजूदगी धार्मिक और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक के रूप में अजमेर दरगाह के महत्व को रेखांकित करती है. पिछले वर्ष भी, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चादर पेश की थी.

(न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

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