Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु के सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार (4 जनवरी) को टेक विशेषज्ञ अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी. अतुल सुभाष ने पिछले महीने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया ने मामले में जमानत के लिए बेंगलुरु की सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने पहले कर्नाटक हाईकोर्ट से सत्र अदालत को उनकी जमानत याचिका का निपटारा करने का निर्देश देने की अपील की थी. इस पर हाईकोर्ट ने सत्र अदालत को 4 जनवरी को याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया था.
14 दिसंबर 2024 को निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी मां और भाई अनुराग को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पकड़ा गया. पुलिस पूछताछ के दौरान निकिता ने दावा किया था कि अतुल ही उसे परेशान करते थे.
24 पन्ने का Suicide Case
34 वर्षीय अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर 2024 को आत्महत्या से पहले एक वीडियो और 24 पन्नों का नोट छोड़ा था, जिसमें उनकी वैवाहिक समस्याओं, उनकी अलग रह रही पत्नी, उनके रिश्तेदारों और उत्तर प्रदेश के एक जज द्वारा उत्पीड़न और जबरन वसूली के प्रयासों का विवरण था. उन्होंने अपनी पत्नी और उसके रिश्तेदारों पर ‘झूठे’ मामलों और ‘लगातार यातना’ के माध्यम से उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपनी पत्नी पर मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगने का भी आरोप लगाया था.
अतुल सुभाष के वकील पोन्नन्ना ने कहा, ‘हमने अभी तक कोर्ट के आदेश की समीक्षा नहीं की है. जो भी शर्तें लगाई गई हैं, हम उस पर गौर करेंगे. अपीलीय अदालत के समक्ष जाने और इस आदेश के लिए अपील करने का अवसर होता है, हम वह करेंगे.’
अतुल के दूसरे वकील विनय सिंह ने कहा, ‘अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है. हमें आगे कोई भी बयान देने से पहले आदेश का विश्लेषण करने की जरूरत है. यहां कोर्ट की कार्यवाही पर चर्चा करना उचित नहीं है. उनका तर्क तकनीकी आधार पर था, जबकि हमारा तर्क तथ्यात्मक और तकनीकी दोनों पहलुओं पर आधारित था.’
मृतक के भाई की शिकायत के आधार पर सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मालूम हो कि एक निजी कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर 2024 को अपने बेंगलुरु स्थित अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने 24 पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इससे पहले दिसंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दे दी थी, जो इस मामले में भी शामिल हैं.
पोते की कस्टडी का केस
अतुल सुभाष और निकिता की शादी 2019 में हुई थी. 2020 में उनका एक बेटा हुआ था. अतुल के माता-पिता ने अपने चार साल के पोते की कस्टडी मांगी है, उनका दावा है कि उन्हें उसके ठिकाने के बारे में नहीं पता.
सुभाष के पिता पवन कुमार ने कहा था, ‘मेरा बेटा अंदर से टूट गया था. अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उसने किसी को इसके बारे में नहीं बताया. उसके सुसाइड नोट में यह भी लिखा था कि उसके माता-पिता को उसके बच्चे की कस्टडी दी जाए.’
उन्होंने कहा था, ‘हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 7 जनवरी को होने वाली सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं.’ उन्होंने यह भी दावा किया था कि निकिता सिंघानिया अपने बेटे को ‘एटीएम’ की तरह मानती थीं. उन्होंने कहा था, ‘मेरा पोता उनके लिए एटीएम है. उसे देखभाल के नाम पर पैसे मिलते थे. वह 20,000 से 40,000 रुपये की मांग करते हुए हाईकोर्ट चली गईं. उन्होंने 80,000 रुपये की अपील की. इसके बाद भी वह और पैसे मांगती रहीं. इसलिए हमने बच्चे की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, क्योंकि वह हमारे पास सुरक्षित है.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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