Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी 71 वर्षीय पुणे के बिजनेसमैन हसन अली खान का गुरुवार रात हैदराबाद में निधन हो गया. हसन अली खान को 2011 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और 2015 में जमानत मिलने से पहले वह चार साल से अधिक समय तक जेल में रहा. शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत को हसन अली खान की मौत के बारे में सूचित किया गया.
ईडी का मामला आयकर विभाग की एक जांच पर आधारित था, जिसमें दावा किया गया था कि हसन अली खान की आय 1.1 लाख करोड़ रुपये थी और 2007 में यूनाइटेड बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड में 8 बिलियन डॉलर जमा थे. इसके बाद ईडी ने खान पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया और फिर 2011 में पुणे के व्यवसायी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में खान ने दावा किया था कि आरोप तय करने के लिए उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. वहीं गिरफ्तारी के 11 साल बाद मई 2022 में अदालत ने खान के खिलाफ आरोप तय किए थे. इस मामले में हसन का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ था.
हसन अली खान पुणे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुआ, जहां वह अस्पताल में भर्ती था. अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोप तय करने की अनुमति देने के लिए हसन की उम्र, स्वास्थ्य और मामले की लंबितता पर विचार किया था.
धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं सहित अन्य आरोपों को खान ने स्वीकार नहीं किया था. हसन ने ट्रायल शुरू करने के लिए कई याचिकाएं दायर की थीं. इस मामले में खान के सह-आरोपी काशीनाथ तपुरिया की 2017 में सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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