Rampur: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से दिल को छू लेने वाली खबर सामने आ रही है. यहां रिहाई के बाद एक बुजुर्ग कैदी का जब घर-परिवार नहीं मिला तो रामपुर पुलिस ने न केवल जुर्माने के 24 हजार रुपयों का बंदोबस्त कराया, बल्कि बुजुर्ग के परिवार की भी तलाश की और फिर उनको परिवार के हवाले किया. पुलिस के इस कार्य की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर हर जगह हो रही है.
जानकारी सामने आ रही है कि रामपुर की जिला जेल में 83 साल के बुजुर्ग कैदी रमजानी 2007 से जेल में बंद थे. जेल में बंद होने के बाद तो कई सालों तक उनसे मिलने के लिए परिवार आता रहा, लेकिन फिर 2016 से परिवार ने मिलने आना बंद कर दिया और परिवार का कुछ अता-पता भी नहीं रहा. इधर बुजुर्ग अपनी सजा काटते रहे. फिर उनकी रिहाई का वक्त आया तो सबसे बड़ी परेशानी सामने आई कि जुर्माने के 24 हजार रुपये कहां से लाए जाएं और फिर वह जेल से रिहा होकर भला कहां जाएंगे?,लेकिन पुलिस इन सवालों में उलझने के बजाए बुजुर्ग की हर सम्भव मदद करने में जुटी रही.
ये भी पढ़ें- UP Politics: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर संजय निषाद का बड़ा फैसला, निषाद पार्टी के सिंबल पर लड़ेंगे चुनाव
सबसे पहले पुलिस ने पता लगाया और मालूम हुआ कि कैदी रमजानी मुजफ्फरनगर जनपद के रहने वाले हैं. वहीं जुर्माने के पैसे के लिए जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य, जेलर कुश कुमार और डिप्टी जेलर विनय प्रताप सिंह ने जिम्मेदारी उठाई और फिर 4 समाजसेवियों से संपर्क कर जुर्माने की रकम का बंदोबस्त किया और फिर बुजुर्ग को बाहर निकाला गया.
जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य अपनी टीम के साथ उनके परिवार वालों की तलाश में भी जुटे रहे और इसमें भी उन्हें कामयाबी भी मिली. जेलर कुश कुमार और डिप्टी जेलर विनय प्रताप सिंह के साथ मिलकर उन्होंने बुजुर्ग के परिवार की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी और फिर मुजफ्फरनगर के साथ ही गाजियाबाद और हापुड़ की पुलिस का भी सहयोग लिया और फिर बुजुर्ग कैदी के परिजनों का पता चल गया और फिर परिवार वालों को बुलाकर उनसे मिलवाया गया.
जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने मीडिया को जानकारी दी, “हमारे यहां यह एक बंदी थे, जिनका नाम रमजानी था. इनके पिता का नाम हकीमुद्दीन था. बुजुर्ग रमजानी की उम्र करीब 83 वर्ष है. वह जेल में कई मामलों की सजा काट रहे थे. बुजुर्ग की मूल सजा इसी साल मई में पूरी हो चुकी थी और मगर इनके ऊपर 24,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. चूंकि उनके परिवार का भी कोई अता-पता नहीं था, इसलिए जेल प्रशासन ने रामपुर के समाजसेवियों की मदद से बुजुर्ग की मदद करने का निश्चय किया और फिर जुर्माना अदा किया गया और उनको बाहर निकाला गया. साथ ही उनके परिजनों की भी तलाश की गई. फिलहाल उनके परिजन मिल चुके हैं और उनको परिजनों के साथ उनके घर भेज दिया गया है. ”
-भारत एक्सप्रेस
पुलिस के अनुसार, गंगम्मा मंदिर के पास सड़क पर बने गड्ढे में बाइक के फंसने…
ऐसा हो सकता है कि अनंत ब्रह्मांड में मौजूद असंख्य आकाशगंगाओं में हमारी धरती जैसे…
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्गम और चुनौतीपूर्ण सीमावर्ती स्थान पर तैनात सैनिकों को उत्सव की…
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बुधवार (30 अक्टूबर) रात को कडाकोला गांव में हुई…
भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गुरुवार को कहा कि…
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म और भारत एक-दूसरे के पूरक हैं. सनातन धर्म…