UP News: नए साल के जश्न और पार्टी को लेकर हर किसी को इंतजार रहता है. खासतौर पर जाम लड़ाने वालों के लिए रात भी पार्टी करने का एक शानदार अवसर भी होता है, ऐसे में अगर शराब से सम्बधित कोई भी खबर सामने आती है तो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होती है. ठीक ऐसे ही ये खबर भी तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल योगी सरकार ने शराब के शौकीनों के लिए नए साल पर शानदार तोहफा दिया है. जश्न में कोई कमी न रह जाए, इसलिए पूरे उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानें 31 दिसंबर की रात 11 बजे तक खुली रहेंगी. हालांकि 24 दिसम्बर को भी यह आदेश लागू हुआ था.
यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार के एक्साइज विभाग की तरफ से जारी किया गया है. योगी सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि 31 दिसम्बर की रात को 11 बजे तक दुकानों पर शराब की बिक्री होगी. इसके तहत, देशी-विदेशी और बीयर की सभी दुकानें रात 11 बजे तक खुली रहेंगी. तो वहीं नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों के लिए भी शराब को लेकर राहत भरी खबर सामने आ रही है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, नोएडा या ग्रेटर नोएडा में घर या किसी सामुदायिक हॉल में आयोजित पार्टी में अगर बिना लाइसेंस के शराब परोसी जाती है तो यह नियमों का उल्लंघन होता है, तो वहीं इससे बचने के लिये अब आसान दरों पर लाइसेंस के लिये आवेदन करने की छूट दी गई है. इस सम्बंध में आबकारी अधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि पार्टियों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस दो श्रेणियों में उपलब्ध हैं. पहली श्रेणी घरेलू पार्टी की है जिसमें जुटने वाले लोगों की संख्या कम होती है और इसके लिए 4000 रुपये का शुल्क है. तो वहीं दूसरी श्रेणी के लाइसेंस के लिए 11,000 रुपये का शुल्क है और यह सामुदायिक हॉल, रेस्तरां या भोज सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाली बड़ी भीड़ को शराब परोसने की अनुमति देता है.
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बता दें कि शराब के शौकीनों को इससे पहले गुजरात में भी भाजपा सरकार राहत दे चुकी है. शुक्रवार को गुजरात की सरकार ने क्रिसमस से पहले ‘वैश्विक माहौल’ प्रदान करने के लिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में शराब पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था, हालांकि इसको लेकर विपक्षी दलों ने खूब भाजपा सरकार का विरोध किया था. यहां तक कि विपक्षी नेताओं ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया था जो युवाओं को बर्बाद कर देगा. तो वहीं सरकार के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि, यह निर्णय उन उद्योगों के लिए लिया गया है जो राज्य के बाहर से आ रहे हैं.
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