UP News: देश की राजधानी दिल्ली में अभी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारी जिसमें सबसे अधिक शिक्षक थे, वापस आये ही थे तबतक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बगल के जिले बाराबंकी में 280 शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश जारी हो गया.
यह आदेश पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन करने के वजह से नहीं, बल्कि बाराबंकी के परिषदीय 74 स्कूलों में सितम्बर महीने में 40 फीसदी से कम उपस्थिति मिलने पर हुई है. बाराबंकी जिले में यह आदेश कोई पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि इससे पहले भी दो बार जिले के परिषदीय स्कूलों में छात्र उपस्थिति कम होने पर वेतन रोका जा चुका है. राजधानी लखनऊ के ठीक बगल में बाराबंकी में छात्र उपस्थिति के हालात यह हुए कि बाराबंकी सूबे में छात्र उपस्थिति के मामले में 75वें स्थान पर पहुंच गया.
इस मामले में जब भारत एक्सप्रेस ने बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार पाण्डेय से उनके सरकारी नम्बर 9453004143 पर सम्पर्क करके वेतन रोकने के बाबत में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हाँ, वेतन रोकने का आदेश जारी हुआ है.
जूनियर हाईस्कूल बेलिया गणपति, भहरेमऊ, प्राइमरी स्कूल बरदरी, धरौली ठकुरान, प्राइमरी स्कूल बहादुरपुर, ढकौली, खदौली, जूनियर हाईस्कूल जिन्हौली, सुलतानपुर, जूनियर हाईस्कूल गांधीनगर, कन्या पीरबटावन, कन्या गुलरिया गार्दा, प्राइमरी स्कूल बेलहरी, सराय सिंगाई, पतुलकी, जूनियर हाईस्कूल कोटवाधाम, दरियाबाद, प्राइमरी स्कूल दाउदपुर, इनायतपुर, जूनियर हाईस्कूल कैमाई, मुजीबपुर, जूनियर हाईस्कूल बछरामऊ, पैगंबरपुर, साढूपुर, तालगांव, टीकापुर, रानीपुर, संतोषपुर, घरकुंइया, आलापुर, गेरांवा, जैदपुर द्वितीय, अहिरनपुरवा, मचैची, सहेलिया, पारीदीपुर, मसौली, छूलहा, खपरैला, रसौली, सैदाबाद, नरायनपुर, सालेहपुर, पिपरौली, टिकैतनगर, कुर्सी, ककरहा, अरसंडा, बसंतपुर, असवा, बांसगांव, बदनपुर, तेलयानी, गोबरहा, अशोकपुर, गनेशपुर, मेनहुवा पलौली, दुरौंधा, छतौनी प्रथम, भेड़िया, बुधनाई, नामीपुर, दनापुर शुकल, अलीनगर, अहिवरनपुर, पिपरीघाट, हथोइयां, भैरमपुर, बसौली, मकनपुर, मारूफपुर, रम्भाई, इलियासपुर, बहुता विद्यालयों के सभी शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश जारी हुआ है.
ये भी पढ़ें: शराब घोटले में ED ने कसा शिकंजा, संजय सिंह के 2 और करीबियों को भेजा समन, जानें कौन हैं ये?
अब इन विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश तो जारी हो गया है लेकिन ज्यादा उपस्थिति के लिए अध्यापक करें तो करें क्या? वर्तमान दौर में न तो कोई सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहता और ना ही कोई जनप्रतिनिधि. ऐसे में बिना किसी सख्त आदेश के ज्यादा नामांकन एवं उपस्थिति सम्भव हो पाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण है.
RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट…
महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…
पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…