Gyanvapi Survey: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे (ASI Survey) की अनुमति दे दी है. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में दखल क्यों दें? कोर्ट ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न कोई खुदाई हो और न मस्जिद को छुआ जाए. सर्वोच्च अदालत ने कहा ASI ने अदालत को भरोसा दिया कि किसी भी तरह से इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. ऐसे में प्रक्रिया के इस चरण में हम दखल क्यों दें.
इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई शुरू की. मस्जिद समिति का कहना था कि एएसआई सर्वे इतिहास को खंगालना है, यह उपासना स्थल अधिनियम का उल्लंघन है. यह भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता पर आघात करता है. एएसआई सर्वेक्षण का मकसद इतिहास में जाने का है कि 500 साल पहले क्या हुआ था, यह अतीत के घावों को फिर से हरा कर देगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप एक ही आधार पर हर अंतरिम आदेश का विरोध नहीं कर सकते, आपकी आपत्ति पर सुनवाई के दौरान फैसला किया जाएगा.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद एएसआई की एक टीम ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह शुरु किया. इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना है कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया है. ज्ञानवापी मस्जिद 17वीं शताब्दी की है. जबकि जुमे की नमाज के कारण सर्वे का काम दोपहर 12 से दो बजे तक के लिए रोका गया था.
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वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे से दूर रहने का फैसला किया था. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष के वकील इस सर्वे में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है. हालांकि, अब मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है.
-भारत एक्सप्रेस
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