Supreme Court: चुनाव आयोग ने जबसे शिवसेना की कमान शिंदे गुट को सौंपी है तब से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल और तेज हो गई है. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट फिर सुनवाई करने जा रहा है.
उद्धव गुट से शिवसेना का नाम और सिंबल दोनों क्या निकले. महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से घमासान खड़ा हो गया है. उद्धव गुट को चुनाव आयोग का फैसला रास नहीं आया. शिवसेना की विरासत को हाथ से निकलता देख उद्धव गुट सर्वोच्च अदालत की शरण में है. शिवसेना पर अधिकार की नई जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक तौर पर शिवसेना की मान्यता देने के बाद सुप्रीम अदालत (Supreme Court) में चुनौती दी है. ठाकरे गुट की पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के सामने मंगलवार को मामले का जिक्र किया. अदालत आज चुनाव चिह्न विवाद पर दोपहर साढ़े 3 बजे सुनवाई करने वाली है.
सिब्बल ने कहा कि अगर चुनाव आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगी तो चिह्न और बैंक अकाउंट कब्जे में ले लिए जाएंगे. मामले को संविधान पीठ के सामने लिस्ट करने का अनुरोध किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को आज दोपहर करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने मंगलवार को शिवसेना विवाद के दूसरे पहलुओं पर भी सुनवाई की. कपिल सिब्बल ने दलील दी कि शिंदे और उनके समर्थक MLA ने पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया. जिसके चलते वो सदस्यता के लिए अयोग्य थे. डिप्टी स्पीकर को निर्णय से रोका गया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने संकेत दिया है कि सुनवाई 2 दिन तक पूरी करने की कोशिश की जाएगी. दोनों पक्षों को अपनी-अपनी दलील रखने का मौका मिलेगा.
पिछले साल जून में शिवसेना के दो फाड़ हो गए थे. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार की अगुवाई कर रहे थे. लेकिन एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों को अपने पाले में लाकर बड़ी बगावत खड़ी कर दी थी. जिसके बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. बाद में शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली. वहीं चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण को फ्रीज कर दिया था और अंधेरी ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शिंदे और उद्धव गुट को अलग-अलग सिंबल दिए थे. इतना ही नहीं पार्टी का नाम भी अलग दिया गया था.
पिछले दिनों चुनाव आयोग ने शिवसेना की कमान पूरी तरह शिंदे गुट को सौंप दी, जिसके बाद फिर से महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है. उद्धव गुट को अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद हैं. उद्धव एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट में विरासत की लड़ाई लड़ रहे हैं. वहीं उनकी परेशानियां हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. लोकसभा सचिवालय की तरफ से एक और झटका लग गया. जिसमें संसद भवन का शिवसेना दफ्तर भी एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है.
-भारत एक्सप्रेस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के लिए मतदाताओं…
Bihar By Election 2024: बिहार के रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बीच राजद के…
भारतीय नागरिक पटेल, जिसे "डर्टी हैरी" और फ्लोरिडा निवासी शैंड को चार मामलों में दोषी…
Syed Mushtaq Ali Trophy 2024-25: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के पहले मैच में तिलक वर्मा…
ये चुनाव कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी करिअर की शुरुआत है, जो वायनाड…
Kharmas Lucky Zodiac: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल खरमास का महीना 15 दिसंबर से…