सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि वो दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आरोपी शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर तेजी से सुनवाई करें. शरजील इमाम की ओर से दायर जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट 25 नवंबर के लिए सूचिबद्ध किया है. मामले की सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाईकोर्ट में लंबित याचिका 64 बार सुनवाई के लिए लिस्ट हुई, जबकि इमाम की तरफ से 8 बार सुनवाई टालने की मांग की गई.
शरजील इमाम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि एनआईए एक्ट (NIA Act) कहता है कि मुकदमे का 3 महीने में फैसला करो. जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा कि कुल आठ एफआईआर दर्ज है. इमाम के वकील ने कोर्ट को बताया कि 29 अप्रैल 2022 से इमाम की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है. शरजील इमाम ने दो मांगो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इमाम ने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट को आदेश दे कि लंबित याचिका पर जल्द सुनवाई करें या अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट जमानत दे. जिसपर जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा बेंच ने कहा कि हम अनुच्छेद 32 के तहत दायर जमानत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं है.
शरजील इमाम को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उस पर दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है. शरजील इमाम पर देशद्रोह और यूएपीए (UAPA) के तहत मामला चल रहा है. वह 2019-2020 में सीएए विरोधी आंदोलन (CAA Protest) के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं.
शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिक दायर कर रखी है. जिसपर दिल्ली हाई कोर्ट 25 नवंबर को सुनवाई करने वाला है. शरजील के वकील ने हाई कोर्ट को यह भी बताया था कि अभी यह केस जल्दी खत्म होने वाला नहीं है. क्योंकि पुलिस की जांच जारी है. इस केस में 1 लाख से अधिक पन्नों के दस्तावेजों की जांच करने का काम अभी बाकी है. इन सब के अलावे 1000 से अधिक गवाहों की गवाही भी होनी है.
गौरतलब है कि उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों (Delhi Riot, 2020) के कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. सीएए और एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. उमर खालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खालिद की दूसरी बार नियमित जमानत की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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