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कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह एक भी ऐसा मामला पेश करे जिसमें उक्त कानून का इस्तेमाल कर पत्रकार को निशाना बनाया गया हो. कोर्ट 11 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई करेगा.

ई अबूबकर ने कोर्ट को बताया कि वह 70 वर्ष के हैं और कैंसर से पीड़ित हैं, साथ ही पार्किंसंस रोग से जूझ रहे हैं और अपनी हिरासत के दौरान उन्हे कई बार AIIMS भी जाना पड़ा.

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. जनवरी में निचली अदालत ने खालिद सैफी, इशरत जहां और 11 अन्य के खिलाफ हत्या की कोशिश के आरोप तय किए थे. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत बरी कर दिया गया था.

केंद्र ने इसी साल 14 मई को अधिसूचना जारी कर यूएपीए (UAPA) के तहत LTTE  को पांच और वर्षों के लिए गैर कानूनी संगठन घोषित कर दिया था.

न्यायालय ने कहा मुकदमा निश्चित रूप से आगे बढ़ेगा. यदि निचली अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि पर्याप्त सामग्री है, तो वह आरोप तय करेगी.

शरजील इमाम 2019-20 में सीएए विरोधी आंदोलन (CAA Protest) के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं.

कोर्ट ने शादाब को 29 अक्टूबर से 5 नवंबर तक के लिए 20 हजार रुपए के निजी मुचलके एवं उतनी ही राशि के एक जमानतदार पेश करने पर जमानत दे दी.

बीते जनवरी महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर सिमी पर प्रतिबंध को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया था और इसे गैरकानूनी संगठन घोषित किया था.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश के 5 मिनट 55 सेकंड के वीडियो के संबंध में जनता और पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए.

इस मामले में अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ एफआईआर अक्टूबर 2010 में कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.