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Sharjeel Imam

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2019 जामिया हिंसा मामले में आरोप तय करने के खिलाफ शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. निचली अदालत ने शरजील को हिंसा भड़काने का मुख्य साजिशकर्ता बताया था.

साकेत कोर्ट ने 2019 जामिया नगर हिंसा मामले में शरजील इमाम सहित 11 लोगों पर आरोप तय किए, जबकि शिफा-उर-रहमान सहित 15 लोगों को बरी कर दिया.

Jamia Nagar Violence case: दिल्‍ली में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को जामिया नगर हिंसा का सरगना मानते हुए आरोप तय किए, जबकि 15 अन्य को बरी कर दिया. शरजील के खिलाफ कई धाराओं में आरोप तय किए गए हैं.

गुलफिशा फातिमा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरी मुवक्किल चार साल से अधिक समय से यूएपीए के तहत जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के मुताबिक हमें जमानत मिलनी चाहिए.

न्यायालय ने कहा मुकदमा निश्चित रूप से आगे बढ़ेगा. यदि निचली अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि पर्याप्त सामग्री है, तो वह आरोप तय करेगी.

शरजील इमाम 2019-20 में सीएए विरोधी आंदोलन (CAA Protest) के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं.

शरजील इमाम ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण दिया था.

दिल्ली दंगा मामलों के संबंध में उमर खालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साल 2020 में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़क उठे थे.

दिल्ली दंगा मामले में दायर कई आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई से दिल्ली हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया है. अब यह मामला चौथी बेंच के पास जाएगा.

शरजील इमाम ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण दिए, जहां उन्होंने असम और शेष पूर्वोत्तर को देश से काटने की धमकी दी थी.