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पुलिस को संवेदनशील होने की जरूरत है, गैंगस्टर अनुराग दुबे को मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार

गैंगस्टर अनुराग दुबे को मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुराग दुबे शायद इसलिए पेश नहीं हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि यूपी पुलिस (UP Police) उन पर एक और मामला दर्ज करेगी. आप कितने मामले दर्ज करेंगे. आप अपने डीजीपी को बताएं कि हम कड़ा आदेश पारित कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के वकील से कहा कि यहां तक ​​कि विक्रय पत्र होने के बावजूद भी आप जमीन हड़पने की बात कह रहे हैं. क्या यह दीवानी या आपराधिक मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस को संवेदनशील होने की जरूरत है. आजकल सब कुछ डिजिटल है, सीधे समन कौन भेजता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुबे ने अपना मोबाइल फोन हमेशा चालू रखने और जांच में सहयोग करने को कहा है. कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी मामले में किसी भी परिस्थिति में हिरासत में नहीं लिया जा सकता.

भाई अनुपम दुबे भी मथुरा जेल में बंद

मऊ दरवाजा थाने में अनुराग दुबे उर्फ डब्बन निवासी कसरटट्ट के खिलाफ धारा 84 बीएनएस (BNS) के तहत मामला दर्ज है. पुलिस ने अनुराग दुबे के घर पर धोखाधड़ी, मारपीट और जालसाजी समेत कई धाराओं में दर्ज मुकदमे में कोर्ट में हाजिर न होने पर धारा 82 के तहत की गई कार्रवाई का हाजिरी नोटिस मुख्य गेट पर चस्पा किया है. अनुराग दुबे का भाई अनुपम दुबे मथुरा जेल में सजा काट रहा है.

हालही में अनुपम दुबे के साथ सह अभियुक्त बनाए गए विनय दुबे के करीब 2.5 करोड़ रुपए की संपत्ति को जिलाधिकारी के आदेश पर कुर्क किया गया है. कुल 10 के खिलाफ विवेचना की जा रही है, जिनके ऊपर आरोप है कि गैंग लीडर अनुपम दुबे और उसके भाई अनुराग दुबे के साथ मिलकर आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए समाज विरोधी कार्य करते थे. डर के मारे इनके खिलाफ कोई गवाही या सूचना नहीं देता था.

यह गैंग जिले में दहशत फैलाने के लिए अवैध शस्त्रों और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है. पुलिस ने इस गैंग पर शिकंजा कसते हुए गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई तेज कर दी है. विनय दुबे और उसके परिवार के सदस्यों की आय का कोई वैध स्रोत नहीं है. यह सम्पत्तियां अवैध गतिविधियों से अर्जित बाकी गई थी.


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-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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