Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद व दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर दिल्ली सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए हैं. इसी के साथ आग्रह किया है कि वो 181 महिला हेल्पलाइन के बंद होने और आयोग (डीसीडब्ल्यू) के ‘व्यवस्थागत क्षरण’ पर ध्यान दें और जरूरी कदम उठाएं.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पत्र लिखकर स्वाति मालीवाल ने डीसीडब्ल्यू के सामने आ रही तमाम समस्याओं का जिक्र किया है औऱ धन की कमी, बजट में कटौती से लेकर कर्मचारियों को हटाने तक का मु्द्दा उठाया है. इसके अलावा मालीवाल ने पत्र में डीसीडब्ल्यू प्रमुख का पद अभी तक खाली पड़े होने की भी बात कही है. बता दें कि उनको जब से आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है तभी से आयोग प्रमुख का पद खाली पड़ा हुआ है.
बता दें कि मालीवाल का पत्र दिल्ली महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत के उस बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 181 हेल्पलाइन अब डीसीडब्ल्यू के बजाय उनके विभाग द्वारा संचालित की जाएगी. इसको लेकर मालीवाल ने पत्र में कहा है कि “आयोग को सूचित किया गया है कि यह आदेश संबंधित मंत्री की मंजूरी के बाद जारी किया गया. माना जाता है कि यह केंद्र सरकार के निर्देश का अनुपालन है, जिसमें कहा गया है कि 181 महिला हेल्पलाइन को राज्यों में महिला एवं बाल विकास विभागों द्वारा चलाया जाना चाहिए. डीसीडब्ल्यू महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में काम करता है. इसलिए हेल्पलाइन को आयोग से अपने नियंत्रण में लेने की कोई जरूरत नहीं थी.”
स्वाति मालीवाल ने पत्र में आगे लिखा, “जनवरी 2024 में अध्यक्ष पद से मेरे इस्तीफे के बाद से दिल्ली सरकार किस तरह डीसीडब्ल्यू को व्यवस्थित रूप से खत्म कर रही है, यह बेहद अफसोस की बात है. 2015 से मैंने जो व्यवस्था कड़ी मेहनत से बनाई थी, उन्हें सरकार द्वारा नष्ट किया जा रहा है. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा करने वाली प्रणालियों की देखभाल करना आपकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. 181 महिला हेल्पलाइन को बंद करना ‘भयावह’ है, बलात्कार और अन्य अपराधों की पीड़िता पिछले 48 घंटों से महत्वपूर्ण सहायता के बिना हैं.”
मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पर भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि “डीसीडब्ल्यू की कर्मचारियों को छह महीने से सैलरी नहीं मिली है. इस स्टाफ में एसिड अटैक और रेप सर्वाइवर्स हैं. आयोग में आज कागज और स्टेशनरी खरीदने तक का पैसा नहीं बचा है. आयोग का बजट 28 प्रतिशत घटा दिया गया है. छह महीने से अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं की गई है. डेढ़ साल से दलित मेंबर सहित दो मेंबर का पद खाली पड़ा हुआ है. डीसीडब्ल्यू की सबसे शानदार 181 हेल्पलाइन को बंद किया गया है. मेरी दिल्ली सरकार से अपील है कि महिला सुरक्षा के लिए अहम कार्य करने वाले डीसीडब्ल्यू पर ताला लगाने का प्रयास बंद करें.”
मालीवाल ने अपने पत्र में ये भी कहा है कि पिछले छह महीनों में फंडिंग में कमी ने आयोग को पंगु बना दिया है. आयोग की समर्पित महिला ग्राउंड स्टाफ सदस्य, जिनमें से कई एसिड हमलों और यौन उत्पीड़न जैसे अत्याचारों की पीड़िता हैं, नवंबर 2023 से अपने उचित वेतन से वंचित हैं. आयोग के बजट में अप्रत्याशित रूप से 10 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई, जो 28.5 प्रतिशत है.
-भारत एक्सप्रेस
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