दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने दो न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा एवं वी. कामेर राव को विदाई दी। इन दोनों का स्थानांतरण मध्य प्रदेश हाईकोर्ट तो बाद वाले का स्थानांतरण कर्नाटक हाईकोर्ट हो गया है। दोनों ने स्वेच्छा से अन्य हाईकोर्ट में स्थानांतरण की मांग की थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने विदाई समारोह में कहा कि वर्ष 2013 में बार से पदोन्नत किए गए दोनों न्यायमूर्तियों ने अपने कार्यकाल के दौरान कई मामलों में एक मानक स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि दोनों के जाने से मध्य प्रदेश और कर्नाटक हाईकोर्ट समृद्ध होंगे। साथ ही उनके जाने से दिल्ली हाईकोर्ट एक खालीपन महसूस करेगा।
केंद्र सरकार ने जारी की थी स्थानांतरित करने की अधिसूचना
केंद्र सरकार ने बुधवार को स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 15 मार्च को उनके स्थानांतरण की संस्तुति की थी। दोनों के तबादले से दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्तियों की संख्या घटकर 40 रह गई है, जबकि उनके स्वीकृत पद 60 हैं। इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के सभी साथी न्यायमूर्ति, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति सचदेवा और न्यायमूर्ति राव के परिवार के सदस्य तथा वकील शामिल हुए।
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न्यायाधीशों ने साझा किया अनुभव
न्यायमूर्ति सचदेवा और न्यायमूर्ति राव ने हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के तौर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि देश के सभी हिस्सों का प्रतिनिधित्व इसके बार और बेंच में होता है। न्यायमूर्ति सचदेवा ने कहा कि कोई भी अन्य अधिवक्ता संघ इस बार की बराबरी नहीं कर सकता।
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