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संजय सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधीक्षक से मांगा जवाब, आप सांसद को केजरीवाल से मिलने की नहीं दी थी परमिशन

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल सुपरिटेंडेंट से जवाब मांगा है. 9 सितंबर को याचिका पर अगली सुनवाई करेगा. तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात नही करने देने पर संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. संजय सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि जेल अधिकारियों ने उन्हें इस आधार पर केजरीवाल से जेल में मिलने की अनुमति नहीं दी कि वह पूर्व कैदी हैं. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा मामले में सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि उनके मुवक्किल राज्यसभा सांसद हैं और उन्हें इस आधार पर मिलने की अनुमति नहीं दी गई कि वह पूर्व कैदी हैं.

उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है और उनका परिवार उनके स्वास्थ्य की जांच के लिए उनसे मिलना चाहता है.आप सांसद ने ये भी कहा कि जेल अधीक्षक जिस तरह से मामले से निपट रहे हैं, उससे स्थिति चौंकाने वाली है. मैं विचाराधीन कैदी हूं और मौजूदा सांसद हूं तथा मैं वचन दे रहा हूं कि मैं इसका उल्लंघन नहीं करूंगा.

जेल अधीक्षक ने नहीं दी थी मिलने की इजाजत

संजय सिंह से व्यक्तिगत मुलाकात से इनकार करते हुए जेल अधिकारियों ने दिल्ली जेल नियमावली के नियम 588 का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि पूर्व कैदी और आदतन अपराधी, जो जेल में बंद अपने दोस्तों से मिलने के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें अधीक्षक द्वारा तब तक साक्षात्कार की अनुमति नहीं दी जा सकती जब तक कि म‍िलने का ऐसा कोई वास्तविक कारण न हो.

कोर्ट ने जेल अधीक्षक से मांगा जवाब

उन्होंने कहा कि इस नियम का उद्देश्य यह है कि बुरे तत्व कैदियों के संपर्क में न आएं तथा जेल अधिकारी इस नियम का दुरुपयोग कर रहे हैं. जेल अधिकारियों के वकील ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा तथा अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिन का समय दिया. संजय सिंह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आबकारी नीति घोटाले मामले में अभियोजन का सामना कर रहे हैं, को 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी.

इससे पहले आप के राज्यसभा सांसद संदीप कुमार पाठक ने जेल अधिकारियों को निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था कि उन्हें जेल में केजरीवाल से शारीरिक मुलाकात की अनुमति दी जाए.

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जेल अधिकारियों ने पाठक को अप्रैल में दो बार केजरीवाल से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन अगली बार उन्हें यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन करते हैं और ज्यादातर राजनीति से प्रेरित हैं. अदालत ने पाठक की याचिका पर अपना आदेश पहले ही सुरक्षित रख लिया है.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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