केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnaw) ने शनिवार (16 नवंबर) को डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फर्जी खबरों को सीमित करने की जिम्मेदारी लेने की बात कही. राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “पहली चुनौती फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं की चुनौती है.”
वैष्णव ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सत्यापन की कमी पर बात करते हुए कहा कि कोई भी बिना जवाबदेही के कंटेंट पब्लिश कर सकता है. उन्होंने पूछा, “चूंकि प्लेटफॉर्म पोस्ट की गई किसी भी चीज को वेरीफाई नहीं करते हैं, तो प्लेटफॉर्म पर पब्लिश होने वाली कंटेंट की जिम्मेदारी कौन लेगा.” सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने 1990 के दशक में विकसित ‘सेफ हार्बर कानून’ की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “यह एक बहस है जो अभी दुनिया के कई हिस्सों में हो रही है,”
उन्होंने इस बात पर पुनर्विचार करने के महत्व पर जोर दिया कि प्लेटफॉर्म को उस कंटेंट के लिए कैसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जिसे वे फैलाने की अनुमति देते हैं.
वैष्णव ने इस मुद्दे के सामाजिक परिणामों पर भी बात की, उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म पर पब्लिश होने वाले कंटेंट की जिम्मेदारी लेने में विफल रहने के कारण दंगे, आतंकवादी घटनाएं और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने वाली चीजें बढ़ गई हैं.
केंद्रीय मंत्री (I&B minister ) ने सुझाव दिया कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में प्लेटफॉर्म को खास तौर पर ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने सवाल किया, “हमारे विविधतापूर्ण समाज के साथ हमें शोषणकारी होना चाहिए. इसलिए, जब परिस्थितियाँ अलग हों, तो क्या प्लेटफॉम के लिए अलग मीट्रिक नहीं होना चाहिए. क्या प्लेटफ़ॉर्म पर ज्यादा जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए.”
वैष्णव ने एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह के मुद्दे पर भी बात किया, उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं जो तथ्यात्मक सटीकता की परवाह किए बिना उत्तेजना भड़काती है. उन्होंने चेतावनी दी कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने कहा, “भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, गलत सूचना और इस तरह के एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह के गंभीर सामाजिक परिणाम हो सकते हैं. हमने इसे कई उदाहरणों में देखा है.”
केंद्रीय मंत्री ने दर्शकों के पारंपरिक मीडिया से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर होने से पारंपरिक मीडिया के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों पर भी जोर दिया. उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म की सौदेबाजी के ताकत के कारण संपादकीय प्रक्रियाओं और समाचार सत्यापन में मीडिया द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निवेश को कमजोर करने पर चिंता व्यक्त की. इसके अलावा उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों पर AI के प्रभाव के बारे में चिंता जताई.
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