UP News: उत्तर प्रदेश में अपराधियों और बदमाशों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नियमों व एनकाउंटर का डर इस कदर सता रहा है कि अगर पुलिस उनको जेल से इलाज कराने के लिए अस्पताल भी ले जा रही है तो उनको ये लग रहा है कि कहीं रास्ते में पुलिस एनकाउंटर न कर दे. वो ये कह रहे हैं कि पहले लिख कर दो कि गोली नहीं मारोगे. तभी पुलिस के साथ कहीं जाएंगे. ताजा मामला यूपी के हरदोई जिले से सामने आया है.
जेल में बंद शातिर अपराधी रिजवान गुर्दे की बीमारी से ग्रसित है, जिसके चलते उसे केजीएमयू लखनऊ के चिकित्सकों ने उसकी नियमित डायलिसिस की सलाह दी थी. इस लिए पुलिस उसे डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. जेल परिसर में केजीएमयू जाने के लिए सिपाहियों द्वारा उसे एंबुलेंस में बैठाया जा रहा था, लेकिन वो इतना डरा हुआ था कि वह पुलिसकर्मियों के साथ एंबुलेंस में बैठने के लिए तैयार नहीं था. लिहाजा उसने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों से गोली न मारने की गुहार लगाने लगा. इस दौरान वह ये भी कह रहा था कि सीएम योगी ने कौन सी बूटी सुंघा दी है जो पुलिस पैर पर ही गोली मारती है. इसके साथ उसने ये भी कहा कि पहले लिखकर दो कि गोली नहीं मारी जाएगी, तभी पुलिस के साथ जाऊंगा.
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हंगामा बढ़ता देख मौके पर थाना कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो अपनी जिद पर अड़ गया. उसने कहा कि उसे ट्रामा सेंटर ले जाने वाले पुलिसकर्मी लिखकर दें कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे. इस पर पुलिसकर्मियों ने उसे काफी समझाया और आश्वस्त किया कि पुलिस उसे गोली नहीं मारेगी. इसके बाद भी वह केजीएमयू ले जाने वाले पुलिसकर्मियों के साथ नहीं गया और कोतवाली शहर पुलिस की जीप में बैठकर जिला कारागार चला गया.
सीओ सिटी हरदोई विनोद द्विवेदी ने बताया कि “उसे जेल से जिला चिकित्सालय के लिए डायलिसिस के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन वो डायलिसिस कराने से मना कर रहा था. फिलहाल उसे पुलिस द्वारा समझाकर डायलिसिस कराने के बाद जेल भेज दिया गया है.”
बता दें कि रिजवान कोतवाली पिहानी क्षेत्र में कस्बे के मोहल्ला लोहानी के रहने वाला है. उस पर आरोप है कि उसने 2014 में अपनी पत्नी नाजरा बेगम पर घर में एसिड डाला था. एसिड अटैक से वो गंभीर रूप से झुलस गई थी. उसकी तहरीर पर पुलिस ने रिजवान के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया था. इसके चलते अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. 5 माह पूर्व अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस के डर से उसने अदालत में सरेंडर किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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