UP Politics: मध्य प्रदेश में 50 प्रतिशत कमिशन खोरी को लेकर जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है. उन्होंने कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही गरीबी, अत्याचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही उनकी पार्टी यहां अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी.
बता दें कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक चिट्ठी का जिक्र करते हुए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार पर 50 फीसदी कमिशन का आरोप लगाया था और कांग्रेस ने इस मुद्दे को इतना बड़ा बना दिया है कि उनके खिलाफ राज्य के 41 जिलों में एफआईआर दर्ज हो गई और फिर सीधे तौर पर इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं और जमकर एक-दूसरे पर शब्दों के बाण छोड़े जा रहे हैं और एक के बाद एक कई आरोप लगाए जा रहे हैं. इसी बीच मायावती ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर ही निशाना साधते हुए ट्विट किया है और कहा है कि, ‘मध्यप्रदेश सरकार में 50 प्रतिशत कमीशनखोरी के आरोप को लेकर कांग्रेस व भाजपा के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप, मुकदमों आदि की राजनीति से कमरतोड़ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शोषण-अत्याचार आदि जनहित से जुड़े ज्वलन्त मुद्दों का चुनाव के समय पीछे छूट जाना कितना उचित? ऐसा क्यों?’
वहीं बसपा सुप्रीमों ने कहा है, “भाजपा-शासित मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि कांग्रेस के राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भी भ्रष्टाचार अहम मुद्दा.” उन्होंने कहा है,”किन्तु इनकी जनविरोधी नीतियों व विकास के हवा-हवाई दावों के कारण सर्वसमाज के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिला असुरक्षा आदि का त्रस्त जीवन इन तीनों राज्यों में असली चुनावी मुद्दे हैं.”
मायावती ने कहा कि बीएसपी इन तीनों राज्यों में भाजपा व कांग्रेस सरकारों के खिलाफ जनहित व जनकल्याण के खास मुद्दों को लेकर अकेले अपने बूते पर विधानसभा का यह चुनाव लड़ रही है. उन्होंने अपने उम्मीदवारों को लेकर कहा है, “चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नाम भी स्थानीय स्तर पर घोषित किए जा रहे हैं. पार्टी को भरोसा है कि वह अच्छा रिजल्ट हासिल करेंगी.”
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही कांग्रेस या भाजपा या अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन न करने की अपनी मंशा को जगजाहिर कर चुकी हैं. वह तीनों राज्यों में अकेले ही चुनावी मैदान में ताल ठोकने की तैयारी कर रही हैं. तो वहीं देखना ये होगा कि वह इस बार कितनी सफलता हासिल करती हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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