देश

UP Politics: लोकसभा चुनाव-2024 में छोटे दलों को नहीं कर सकते नजरअंदाज, बना-बिगाड़ सकते हैं बड़े दलों की गणित

अवनीश कुमार

Lucknow: लोकसभा चुनाव-2024 को देखते हुए बड़े दलों ने छोटे दलों को तवज्जो देना शुरू कर दिया है. यूपी की बात की जाये तो सुभासपा, निषाद पार्टी, अपना दल (एस), अपना दल (कमेरावादी), राष्ट्रीय लोक दल, जनवादी पार्टी, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी और महान दल चुनाव में अपनी भूमिका दिखाते हैं. यही वजह है कि बड़े दल इनको अपने साथ रखना चाहते हैं. मौजूदा समय की बात करें तो एनडीए में यूपी से निषाद पार्टी, सुभासपा और अपना दल (एस) साथ हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि, कुछ और छोटे दल शामिल हो सकते हैं.

राजनीतिक विश्लेषक प्रमोद गोस्वामी बताते हैं कि, “समाजवादी पार्टी के साथ सहयोगी दल अपना दल (कमेरावादी), राष्ट्रीय लोकदल मुख्य भूमिका में हैं. यूपी के अलग-अलग हिस्सों में इन दलों का प्रभाव है और यही वजह है कि इनको नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है.” वह आगे कहते हैं कि, “अगर जातीय समीकरण की बात की जाये तो अपना दल कुर्मी वोट बैंक के लिए माना जाता है. यूपी में करीब 8 परसेंट कुर्मी वोट बैंक हैं और ये उनके साथ हैं, ऐसे में आने वाला लोकसभा चुनाव यह भी तय करेगा कि सोनेलाल का वोट बैंक किसके साथ खड़ा है. वहीं अगर कुर्मी समाज की बात की जाए तो यह 6 फीसदी है, जो ओबीसी में 35 फीसदी के करीब है.”

प्रमोद गोस्वामी आगे बताते हैं कि, सूबे की करीब 48 विधानसभा सीटें और 8 से 10 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर कुर्मी समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यूपी में कुर्मी समाज का प्रभाव 25 जिलों में हैं, लेकिन 16 जिलों में 12 फीसदी से अधिक सियासी ताकत रखते हैं. पूर्वांचल से लेकर बुदंलेखंड और अवध और रुहेलखंड में किसी भी दल का सियासी खेल बनाने और बिगाड़ने की स्थिति में है. तो वहीं अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की विरासत में दो दावेदार बने, एक अनुप्रिया पटेल हैं जो एनडीए का हिस्सा होकर केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं वहीं कृष्णा पटेल और बेटी पल्लवी पटेल सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ खड़ी हैं.

ये भी पढ़ें- नंबर न होने के बावजूद मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों लेकर आई कांग्रेस?

वह कहते हैं कि, अगर निषाद पार्टी की बात करें तो, यूपी में निषाद समुदाय की 18 फीसदी आबादी का पूर्वांचल के 16 जिलों में खासा प्रभाव माना जाता है और जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं. पिछले चुनावों की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता को आसान बनाने में इनकी भूमिका रही है. वही सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर राजनीति में राजभर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में गिने जाते हैं. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में राजभर समाज की कुल आबादी लगभग 4 प्रतिशत है. कुछ जगह राजभर समाज 20 फीसदी के आसपास है तो कुछ क्षेत्रों में उनकी आबादी 10 प्रतिशत के करीब है. जातीय समीकरण को समझा जाए तो तकरीबन 18 ऐसे जिले हैं, जहां पर राजभर वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं. वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बहराइच और श्रावस्ती जिलों में राजभर समाज का प्रभाव है.

वह यह भी बताते हैं कि, अब समाजवादी पार्टी की सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई लोकसभा क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है, जो वोट की गणित को बना बिगाड़ सकने में सक्षम है. इसी तरह जनवादी पार्टी, प्रगतिशील मानव समाज पार्टी और महान दल का भी अपने अपने क्षेत्र में प्रभाव है. भाजपा में 2024 के लोकसभा क्षेत्र में 80 सीटें जितने का दावा किया है. यह तभी संभव है जब भाजपा और सहयोगी दलों की 50 फीसदी वोट मिले, इस मुहीम को रोकने के लिए यूपी में समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों से गठबंधन का रास्ता खोला है, तो बहुजन समाज पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वह कहते हैं कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने एक साथ चुनाव लड़ा था और अंदेशा था कि यूपी में ज्यादा सीटों पर यह गठबंधन भारी पड़ेगा, लेकिन नतीजे भाजपा के पक्ष में आये. 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को 19 फीसदी वोट के साथ 10 सीटों पर जीत मिली और सपा को 18 फीसदी वोट तो मिले, लेकिन 5 सीटों पर जीत हासिल हुई. देश में 543 लोकसभा सीटों में से 80 सीटें यूपी की हैं, जो कुल सीटों का 16 फीसदी होता है. इतना ही नहीं देश में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री यूपी से ही बने हैं. पीएम मोदी के दो बार केंद्र की सत्ता में काबिज होने के पीछे यूपी की अहम भूमिका रही है. यही वजह है कि बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए यूपी की सियासी राह को मजबूत बनाने और सियासी समीकरण को साधने के लिए सहयोगी दलों ने भूमिका निभाई है.

लोकसभा चुनाव 2019 में किस पार्टी को मिली कितनी सीट

बीजेपी- 62 सीटें – 49.98 फीसदी
अपना दल (एस)- 2 – 1.21 फीसदी
बीएसपी- 10 – 19.43 प्रतिशत
सपा- 5 – 18.11 प्रतिशत
कांग्रेस- 1 – 6.36 वोट प्रतिशत
राष्ट्रिय लोकदल – 1.69 प्रतिशत

-भारत एक्सप्रेस

Awanish Kumar

Recent Posts

Bhai Dooj 2024: भाई दूज पर राहु काल का साया, इस अशुभ मुहूर्त में भूल से भी ना लगाएं तिलक

Bhai Dooj 2024 Rahu Kaal: इस साल भाई दूज पर राहु काल का साया रहने…

4 hours ago

महज 13 दिन में 3.66 करोड़ से अधिक मुसलमानों ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया : AIMPB

AIMPB के महासचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "महज 13 दिन में…

5 hours ago

Jharkhand Assembly Election Special: साल बढ़े, कैलेंडर बदले और प्रत्याशियों की उम्र अपने हिसाब से चलती रही

झारखंड में पांच साल के अंतराल पर हो रहे विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों ने…

5 hours ago

Jharkhand Election: चुनाव से पहले गिरिराज सिंह का वादा, कहा- सरकार बनने के बाद रोहिंग्या, बांग्लादेशियों को बाहर निकाला जाएगा

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंपई सोरेन के…

6 hours ago

Kodakara Hawala Case: शोभा सुरेंद्रन ने सीएम पिनाराई विजयन को बताया सबसे बड़ा ‘DON’

केरल की शीर्ष भाजपा नेता शोभा सुरेंद्रन ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान…

6 hours ago