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यूपी में पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट होगा स्थापित

उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेगावाट की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई है. परियोजना की स्थापना एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की जायेगी.

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने मंत्रिपरिषद के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना की स्थापना में 70 प्रतिशत धनराशि का उपयोग लगभग 12,589.68 करोड़ रूपये वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करके किया जायेगा एवं बाकी 30 प्रतिशत धनराशि का 50 प्रतिशत लगभग 2,697.79 करोड़ रूपये राज्य सरकार और शेष धनराशि एनटीपीसी द्वारा लगायी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस परियोजना की स्थापना प्रदेश सरकार और एनटीपीसी के बीच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 11 फरवरी, 2023 को हुए एमओयू के तहत की जा रही हैं.

मंत्री ने बताया कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी, ऐसे प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बने हैं. इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है, इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और इसमें कोयले की खपत भी काफी कम होती है जिसकी वजह से बिजली उत्पादन की लागत कम आती है.

साथ ही कहा कि इसकी पहली यूनिट 50 महीने में और दूसरी यूनिट 56 महीने में तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी. ओबरा ‘डी’ परियोजना से औसतन 4.89 रूपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. अभी यूपीपीसीएल द्वारा औसतन 5.50 रूपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है जो की ज्यादा महंगी है.

उन्होंने कहा कि यह प्लांट एनसीएल कोल माइंस के पास ही स्थापित होगा, जहां से इसे कोयला आसानी से प्राप्त होगा और कोयले की ढुलाई में कम खर्च आयेगा. इस प्लांट को पानी ओबरा रिजर्वायर से मिलेगा और इस प्लांट की स्थापना करने के लिए उपलब्ध 500 एकड़ जमीन के अलावा और जमीन खरीदी जायेगी.

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 7682 मेगावाट है. इसमें से तापीय ऊर्जा की 7158 मेगावाट और जल विद्युत की 524 मेगावाट है, लेकिन यह 1600 मेगावाट की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना अभी तक की स्थापित परियोजनाओं की 25 प्रतिशत क्षमता के बराबर होगी. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग राज्य के उपभोक्ताओं को पर्याप्त और सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए गम्भीर प्रयास कर रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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