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ये RSS का छोटा रिचार्ज क्या है? जानिए, कांग्रेसी नेताओं के जुबान पर क्यों है यह जुमला

सोशल मीडिया डोमेन में ‘RSS का छोटा रिचार्ज’ यह जुमला गाहे-बगाहे सुनने और पढ़ने को मिल जाएगा. इस वाक्य का इस्तेमाल क्यों और किस संदर्भा में किया जा रहा है, इसको समझना कोई बहुत बड़ा माइंडगेम नहीं है. दरअसल, बीते कुछ दिनों में इस जुमले का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जमकर किया है. जुमले का इस्तेमाल खास तौर पर AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संदर्भ में कांग्रेस ने कई दफा किया है. हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ‘छोटा रिचार्ज’ वाले जुमले का इस्तेमाल किया.
सुप्रिया श्रीनेता ने एबीपी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया और उन्हें ‘RSS का छोटा रिचार्ज’ कहकर संबोधित किया. श्रीनेत ने कहा, “दिल्ली का मुख्यमंत्री जब दिल्ली में दंगे होते हैं तब चुप रहता है, जब दिल्ली में बुल्डोजर चलता है तब चुप रहता है, जब जंतर-मंतर पर एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ काटने के नारे लगते हैं, तब चुप रहता है. वह हर हफ्ते गुजरात जाता है लेकिन बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई पर एक शब्द नहीं बोलता है. क्या विचारधारा है उसका? और अगर वो छोटा रिचार्ज नहीं है RSS का तो क्या है?”
सुप्रिया श्रीनेत से पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता अरविंद केजरीवाल को ‘RSS का छोटा रिचार्ज’ के नाम से तंज कसते रहे हैं. बीते तीने सालों के दौरान कांग्रेस ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को घेरने के लिए काफी आक्रामक रास्ता चुना है. 18 जून 2021 को भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया और इसमें भी अरविंद केजरीवाल को आरएसएस का छोटा रिचार्ज कहा गया. तब छत्तीसगढ़ में बनाए गए स्कूल का हवाला देते हुए कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया था.

गौर किया जाए तो कांग्रेस के लिए जितनी बड़ी चुनौती बीजेपी है, उससे कहीं ज्यादा AAP है. क्योंकि, कांग्रेस की खत्म होती जमीन पर ‘आम आदमी पार्टी’ का कब्जा होता जा रहा है. ऐसे में सेक्युलरवाद का बैटन रखने का दावा करने वाली कांग्रेस अपनी जमीन पर AAP के वर्चस्व को बेमानी करार दे रही है. जबकि, दूसरी तरफ देश का मूड भांपते हुए ‘आम आदमी पार्टी’ दावा तो धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का कर रही है. लेकिन, पार्टी का मॉडस ऑपरांडी सॉफ्ट राइट विंग की तरह है.
ऐसे में कांग्रेस सभी प्लेटफॉर्म से एक सुर में AAP को बीजेपी का B टीम बताने की कोशिश में लगी है. कांग्रेस केजरीवाल के खिलाफ अटैक का जरिया उस ग्राउंड को बना रही है, जहां पर पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली. हालांकि, कांग्रेस के तीखे बोल की वजह एक और ये भी है कि इसके प्रवक्ताओं ने टीवी डिबेट के जरिए तेजाबी मेटाफर की अहमियत को समझ लिया है. यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में सभी की भाषा शैली काफी आक्रामक और तीखी हो चली है.

-भारत एक्सप्रेस

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