Lok Sabha Election 2024: दिल्ली की ‘ताजपोशी’ का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. यह जानते हुए कांग्रेस थिंक टैंक 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य से पार्टी के कुछ दिग्गजों को मैदान में उतारने की योजना पर काम कर रहा है. पार्टी सूत्रों का दावा है कि आगे बढ़कर नेतृत्व करते हुए कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्य में एक आरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इस फैसले से दलित वोटों पर अपनी पकड़ फिर से हासिल करने में कांग्रेस को मदद मिल सकता है. वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि बसपा के वोटों को लुभाने के लिए कांग्रेस 2024 में यूपी से मल्लिकार्जुन खड़गे को मैदान में उतार सकती है.
इस कदम से कांग्रेस को यूपी में SC मतदाताओं को एक मजबूत संदेश भेजने में मदद मिल सकती है. दशकों से यूपी के एससी मतदाता कांग्रेस को छोड़ मायावती का समर्थन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस यूपी की बाराबंकी (Barabanki) या इटावा (Etawah) सीट से खड़गे को चुनावी मैदान में उतार सकती है. गौर करने वाली बात ये भी है कि खड़गे कांग्रेस का सबसे बड़ा दलित चेहरा भी है. हाल ही में यूपी के नव नियुक्त कांग्रेस चीफ अजय राय ने भी कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के अध्यक्ष हैं. वो जहां से चाहें चुनाव लड़ सकते हैं. वो जहां से चुनाव लड़ेंगे पार्टी पूरी ताकत लगा देगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में दलित बसपा के लिए सुरक्षित वोट बैंक माने जाते रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस बदलते राजनीतिक परिदृश्य को समझ रही है और इन मतदाताओं को लुभाने का अवसर देख रही है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस खड़गे को इटावा या बाराबंकी से चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है. अगर खड़गे इटावा से चुनाव लड़ना चुनते हैं, तो इससे आसपास की सीटों पर चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को फायदा हो सकता है. इसके अलावा खड़गे कर्नाटक में अपनी पारंपरिक सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि सपा और कांग्रेस दोनों ही भारत गठबंधन का हिस्सा हैं, जिससे सहयोग की संभावना और मजबूत हो रही है.
कांग्रेस सूत्रों ने भविष्य में बसपा के विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने पर भी खड़गे को मैदान में उतारने की इच्छा व्यक्त की है. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी को इंडिया गठबंधन में बसपा की भागीदारी की उम्मीद है. यूपी कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवारों के महत्व पर जोर दिया. राय ने कहा कि इस पर विचार करना और गठबंधन में शामिल होना बसपा के लिए फायदेमंद होगा.
कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की बात करें तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी की संभावित सीटों को लेकर अटकलें चल रही हैं. सूत्रों का दावा है कि वर्तमान में वायनाड का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी अपनी पारंपरिक अमेठी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. प्रियंका गांधी अगर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला करती हैं तो वह प्रयागराज के फूलपुर या वाराणसी से भी उम्मीदवार हो सकती हैं. हालांकि, सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अगर सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करती हैं तो उनकी जगह प्रियंका को वहां से मैदान में उतारा जा सकता है.
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