UP Vidhansabha Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा किया. इस दौरान उन्होंने जानवरों के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की नेतृत्व वाली सरकार पर खूब तंज कसे. अखिलेश यादव ने सांडों के मुद्दे को काफी चिंताजनक बताया और कहा कि इससे हर रोज प्रदेश में लोगों की जाने जा रही हैं. लेकिन, सरकार सांडों के आतंक को रोकने के लिए कोई काम नहीं कर रही है. उन्होंने अपने भाषण में तंज कसते हुए सरकार को सांड सफारी बनाने की सलाह दे डाली.
अखिलेश ने कहा कि वर्तमान सरकार से जानवरों के मसले हल नहीं हो पा रहे हैं. प्रदेश में उनकी सरकार ने लॉयन और एनिमल सफारी की शुरुआत की थी. लेकिन, इसकी भी हालत आज की तारीख में बेहद खराब है. उन्होंने कहा कि सरकार एनिमल और लायन सफारी ठीक से नहीं रख सकती. कम से कम एक सांढ सफारी ही बना दे.
अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा, ” यह मसला (सांडों का) किसान और गरीब से जुड़ा है. जो सड़क से गुजर रहे हैं उनके लिए गंभीर मसला है. अगर मैं गलत नहीं हूं तो नेता सदन (CM योगी) के ऑफिस में एक आधमी काम करते थए. उनकी गाड़ी को सांड ने टक्कर मारी और उनकी जान चली गई. अगर उनकी सुरक्षा नहीं, तो आम जनता की भला क्या सुरक्षा होगी. हम आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो देखते हैं कि कैसे गली में सांड महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को उठाकर फेंक देते हैं. क्या यही ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का सपना है? आपने लायन और एमिनल सफारी का हाल बुरा कर दिया. आप अनिलमल और लॉयन सफारी संभाल नहीं पा रहे. कम से कम सांड संफारी है बना दो.”
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नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) अखिलेश यादव ने जानवरों से मरने वालों लोगों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सांड से लोग मर रहे हैं. लेकिन, कोई मुआवजा या संज्ञान नहीं लिया जा रहा. सांडों को सड़कों से हटाकर, व्यवस्थित जगह नहीं रखा जा रहा. उन्होंने टाइगर और लेपर्ड के हमले में गई जानों का भी जिक्र किया. अखिलेश ने कहा कि आज किसान डरा हुआ है. पीलीभीत, बदायूं, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जिलों में किसान खेतों में जाने से डरता है. चैन से सो नहीं पा रहा है. अकेले पीलीभीत में टाइगर के हमले से 40 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री इन जानों के लिए क्या कर रहे हैं.
उन्होंने कावड़ियों की मौत का भी मसला उठाया. अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम से लेकर प्रशासन कावड़ियों पर फूल बरसा रहे हैं. लेकिन, उनकी दुर्घटनाओं में मौत पर चुप्पी साध लिए हैं. कावड़ियों में मरने वाले आम किसान और गरीब परिवार से हैं. क्या उन्हें सहायता राशि नहीं दी जानी चाहिए? अखिलेश यादव ने कावड़ियों के साथ-साथ ताजिया के दौरान दुर्घटना में मरे लोगों के लिए भी मुआवजे की मांग की.
-भारत एक्सप्रेस
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