Ram Mandir: 22 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखने के लिए अयोध्या जाने वाले हैं. भव्य समारोह से पहले उन्होंने कहा कि भाग्य ने तय कर लिया है कि राम मंदिर बनेगा और पीएम मोदी इस कार्यक्रम में 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व करेंगे. अपनी रथ यात्रा के बारे में बात करते हुए, जिसके कारण विशाल राम मंदिर आंदोलन हुआ, उन्होंने कहा कि वह सिर्फ एक सारथी थे.
लालकृष्ण आडवाणी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले भव्य मंदिर निर्माण के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. इसके अलावा, उन्होंने पवित्र स्थान के निर्माण की देखरेख के लिए पीएम मोदी को “भगवान राम द्वारा अपने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए चुना गया भक्त” बताया. पूर्व उपप्रधानमंत्री ने कहा, “अब जब पीएम मोदी मंदिर का अभिषेक करेंगे, तो वह भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे.”
उन्होंने कहा कि नियति ने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. उन्होंने खुद को उस “सारथी” के रूप में पहचाना, जिसने “रथयात्रा” का नेतृत्व किया था. यह रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ में शुरू हुई थी और 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के साथ समाप्त हुई थी, जब वह उस स्थान पर थे.
उन्होंने कहा, “उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनाया जाएगा. अब ये सिर्फ समय की बात है. और, ‘रथयात्रा’ शुरू होने के कुछ दिनों बाद, मुझे एहसास हुआ कि मैं सिर्फ एक ‘सारथी’ था. रथयात्रा का मुख्य संदेशवाहक रथ ही था और पूजा के योग्य था क्योंकि यह श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या को पूरा करने जा रहा था.
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पार्टी के एक अन्य अनुभवी सदस्य मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में ‘रथ यात्रा’ एक बड़े आंदोलन में बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप अंततः विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ. उस समय उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भगवान राम के प्रति आस्था से प्रेरित यह पहल एक राष्ट्रीय आंदोलन बन जाएगी और उस समय पीएम मोदी एक कारसेवक के रूप में उनका समर्थन कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी ने श्री राम लला के मंदिर के निर्माण के प्रति उनकी निरंतर भक्ति के अनुरूप 10,000 किलोमीटर की यात्रा के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी की सराहना की.
पूर्व गृह मंत्री ने इसे “अपने राजनीतिक करियर की सबसे निर्णायक और परिवर्तनकारी घटना” बताया. भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता ने कहा, “हमें तब नहीं पता था कि भगवान राम के प्रति हमारी आस्था, जिसके साथ हमने यात्रा शुरू की थी, देश में एक आंदोलन का रूप ले लेगी.”
आडवाणी ने कहा, “यात्रा के दौरान, कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया. दूर-दराज के गांवों से अनजान ग्रामीण रथ को देखकर भाव-विभोर होकर मेरे पास आते थे. वे प्रणाम करेंगे और ‘राम’ का जाप करेंगे और चले जायेंगे. यह एक संदेश था कि ऐसे कई लोग थे जिन्होंने राम मंदिर का सपना देखा था.”
-भारत एक्सप्रेस
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