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UP News: भारत में जिहाद फैलाओ…आर्थिक मदद भी देंगे…, पाकिस्तान ISI से मिलकर भारत विरोधी काम करने वाले तहसीम को यूपी ATS ने दबोचा

तहसीम 2002 में पाकिस्तान में पान-कत्था, मसाला बेचने गया था. इसके बाद वह ISI के साथ मिलकर फेक करेंसी और ड्रग्स की भारत में सप्लाई करने लगा था.

तहसीम उर्फ मोटा (फोटो-सोशल मीडिया)

UP ATS: भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल वांटेड तहसीम उर्फ मोटा को यूपी एटीएस ने मुजफ्फरनगर के बुढाना से गिरफ्तार कर लिया है. वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) से मिलकर भारत विरोधी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल था. मूल रूप से शामली के रहने वाले तहसीम ने पूछताछ में बताया है कि, वह और उसका भाई कलीम पाकिस्तान आते-जाते रहते थे. इसी दौरान पाकिस्तान में उनकी ISI के कुछ हैंडलर से जान पहचान हुई और फिर वह पैसों के लिए उनसे मिलकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया और भारत में जिहाद फैलाओ का अभियान चलाने लगे थे.

इस सम्बंध में अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, तहसीम और कलीम पाकिस्तान आते-जाते रहते थे. इसी दौरान उनकी पाकिस्तान में ISI के कुछ हैंडलरों से जान पहचान हो गई थी. इसके बाद हैंडलरों ने दोनों भाइयों को रुपयों का लालच देकर कहा कि तुम लोग भारत में जिहाद फैलाओ, हम तुम्हें असलहा, बारूद के साथ आर्थिक मदद भी देंगे. इसी के साथ ही इन दोनों से भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए लोगों को तैयार करने के लिए भी कहा गया था. अधिकारी ने तहसीम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, वह 2002 में पाकिस्तान पान-कत्था, मसाला बेचने गया था. इसके बाद वह ISI के साथ मिलकर फेक करेंसी और ड्रग्स की भारत में सप्लाई करने लगा था. तहसीम और कलीम फर्जी सिम से व्हाट्सऐप यूज करते थे और भारत में बैठकर ISI एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा से संपर्क कर सवेंदनशील सूचनाएं भेजते थे.

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फेक करेंसी की करता था तस्करी

पूछताछ में तहसीम ने बताया कि, वह और उसका भाई लाहौर में हमीदा के यहां रहते थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात लाहौर के ड्राई फूड की दुकान करने वाले इकबाल काना के सहयोगी केसर से हो गई. केसर ने उसे नकली नोट सप्लाई करने के धंधे में लगा लिया था. तहसीम ने ये भी बताया कि, केसर के माध्यम से ही उसकी पहचान दिलशाद मिर्जा से हुई थी. दिलशाद ने ही उसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. तहसीम ने पूछताछ में ये भी जानकारी दी कि, पाकिस्तान से वापस आने के बाद इकबाल काना और केसर ने तहसीम को फोन कर नकली करेंसी भेजना शुरू कर दिया.

हर खेप में 2 लाख से लेकर 7 लाख रूपये तक की रकम भेजता था. अधिकारी ने बताया कि, तहसीम ने बताया कि, वह रुपयों की खेप को कभी दिल्ली तो कभी अमृतसर से रिसीव करता था. गुरुवार (11 जनवरी) को STF के अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, अगस्त 2023 में शामली कोतवाली क्षेत्र से 6 लाख के नकली नोट के साथ इमरान नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में तहसीम उर्फ मोटा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी के साथ ही तहसीम के भाई कलीम को भी गिरफ्तार किया गया था और जांच में पाया गया था कि उसके सम्बंध ISI से पाए गए थे. हालांकि, तब तक तहसीम फरार चल रहा था. उसकी तलाश में टीमें लगी हुई थीं. अब उसे पकड़ने में सफलता मिली है.

पाकिस्तान में तहसीम की है रिश्तेदारी

पूछताछ में तहसीम ने बताया कि, 2002 में वह पाकिस्तान के कोटाद्दू में अपने रिश्तेदार (पिता की बुआ) के यहां गया था. पान, कत्था आदि बेचने के बहाने से वह वहां गया था. कोटाद्दू में वो अपने रिश्तेदार के पास करीब 10-15 दिन ही रहा, बाकी 15-20 दिन वह लाहौर में हमीदा के यहां चला गया था, जो कि मूल रूप से कैराना (जनपद शामली) की रहने वाली है. अधिकारी ने बताया कि, इकबाल काना जो कैराना का रहने वाला है, काफी वर्ष पहले आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद पाकिस्तान भाग गया था. भारत विरोधी गतिविधियों में हमीदा भी इकबाल काना का साथ देती रही थी. वह भी पकड़े जाने के डर से ही इकबाल की सहायता से पाकिस्तान भाग गई थी. तो वहीं जब हमीदा के पास तहसीम पहुंचा तो उसकी भी मुलाकात हमीदा के माध्यम से इकबाल काना से हुई. इसी के बाद ये लोग मिलकर चंद रुपयों के लिए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए.

-भारत एक्सप्रेस



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