पुलिसकर्मियों को हमेशा सख्त, मजबूत व कम भावनात्मक माना जाता है, वहीं कविता लेखन को बेहद भावुक और नर्मदिल इंसानों का काम माना जाता है. हालांकि, देश में ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं जो साहित्य सृजन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. पुलिस विभाग के ऐसे ही 51 पुलिसकर्मियों की कविताओं को एकत्रित करके अभिनेता, फिल्म निर्माता और कवि रवि यादव ने ‘चट्टानों के बीच तरल’ पुस्तक प्रकाशित की.
मुंबई में ‘चट्टानों के बीच तरल’ पुस्तक के विमोचन के दौरान फिल्म अभिनेता रजा मुराद, अभिनेता व साहित्यकार अखिलेन्द्र मिश्रा, अभिनेता राजेंद्र गुप्ता, साहित्यकार एवं अभिनेत्री दीप्ति मिश्रा, साहित्यकार एवं राजनेता वागीश सारस्वत, संगीतकार कुलदीप सिंह, MQ सैय्यद (CMD EXHICON), प्रमोटर डायरेक्टर एग्जिकॉन पदमा मिश्रा ‘इंसी’ और मोहम्मद रफ़ी की पुत्रवधू फिरदौस शाहिद रफ़ी समेत कला साहित्य एवं फिल्म जगत की अन्य हस्तियां मौजूद रहीं.
पुस्तक विनोचन समारोह में एक कवि सम्मेलन ‘अमृत स्रोत’ का भी आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रतिष्ठित कवियों ने कवितापाठ किया, जिनमें उदय दिवाकर, शुभम द्विवेदी, अमृतांशु शर्मा, भावना मिश्रा, रवि यादव और प्रबुद्ध सौरभ शामिल थे. साथ ही सुप्रसिद्ध शायर आलोक श्रीवास्तव की एकल प्रस्तुति ‘अलोकनामा’ भी प्रस्तुत किया गया.
गमक व एग्जिकॉन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में ‘चट्टानों के बीच तरल’ के संपादक रवि यादव ने कहा कि इस पुस्तक को पूरा करने में उन्हें 5 साल का समय लग गया. उन्होंने कहा कि देश भर से ऐसे पुलिसकर्मियों को तलाशना जो साहित्यसृजन कर रहे हैं, उनकी कहानी दिखाना एक अलग तरह का अनुभव रहा.
पुस्तक में हर कवि की 5 रचनाएं
‘चट्टानों के बीच तरल’ के संपादक रवि यादव ने कहा, ‘यह पुस्तक पूरी तरह से पुलिस विभाग की सच्ची कहानियों पर आधारित है. इस पुस्तक में हर कवि की 5 रचनाएं इसमें शामिल की गई हैं और हर कवि पर किसी गैर-पुलिस कवि से समीक्षा लिखवाई गई है. इस तरह इस पुस्तक से 102 कवि जुड़े हैं. राज्य पुलिस, पी.ए.सी, सी.आर.पी.एफ़ और बी.एस.एफ़ के जवानों से लेकर उच्च अधिकारियों की रचनाओं सजी इस पुस्तक को ‘प्रभात प्रकाशन, दिल्ली’ ने प्रकाशित किया है.’
खाकी वर्दी के फर्ज की कहानियां
रवि यादव कहते हैं, “मेरे लिए ‘चट्टानों के बीच तरल’ का संपादन वाकई गर्व का विषय है. पुलिस, जो अपने त्योहार व अपने परिवार को एक तरफ करके समाज के प्रति अपना फर्ज निभाती है, उनके लिए सम्मानभाव रखना हमारा कर्तव्य है. इस पुस्तक की यात्रा के दौरान मैं सुखद आश्चर्य से भर गया, जब मैंने देखा कि पुलिस विभाग में कितना बेहतरीन और अर्थवान साहित्य रचा जा रहा है.”
रवि यादव ने इस पुस्तक प्रकाशन के लिए प्रभात प्रकाशन का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मैंने इस पुस्तक को उन्होंने सिर्फ सामाजिक दायित्व पूरा करने के लिए तैयार किया है. उन्होंने उन पुलिसकर्मियों की भी सराहना की, जिन्होंने इस पुस्तक के लिए अपनी रचनाएँ दीं और पदमा मिश्रा ‘इंसी’ और गमक का भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने पुस्तक विमोचन का आयोजन किया.
गाजियाबाद के रहने वाले हैं रवि यादव
रवि यादव मुंबई में बतौर फिल्म अभिनेता व निर्माता काम करते हैं. मूलतः गाजियाबाद के रहने वाले रवि यादव ने अनेक चर्चित धारावाहिकों व फिल्मों में अभिनय किया है और अपनी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ‘रवि पिक्चर्स’ के बैनर तले अनेक धारावाहिकों, विज्ञापन फिल्मों व गीतों का निर्माण कर चुके हैं. उन्होंने फिल्मों में काम किया है साथ ही वो जाने-माने कवि भी हैं, उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं.
इस अवसर पर अभिनेता रजा मुराद ने कहा- ‘मेरा रवि यादव से करीबी रिश्ता रहा है.’ अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा ने कहा कि ‘चट्टानों के बीच तरल’ एक सराहनीय प्रयास है और इस से पुलिस विभाग का मनोबल बढ़ेगा. राजेंद्र गुप्ता, दीप्ति मिश्रा व वागीश सारस्वत ने भी रवि यादव को शुभकामनाएं दीं.
– भारत एक्सप्रेस
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