देहरादून-उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती से जुड़े पेपर लीक मामले ने राज्य सरकार की नाक में दम कर दिया है।खुद सत्ताधारी पार्टी के भीतर से ही आयोग को भंग करने की मांग उठने लगी है.ताजा मामला ये सामने आया हैै कि पेपर लीक प्रकरण में विजिलेंस जांच की गिरफ्त में आए अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारियों को आयोग ने हटा दिया है।साथ ही 16 अन्य कर्मचारियों को भी आयोग के सचिव एसएस रावत ने इधर से उधर कर दिया है। जांच का आदेश होने के बाद आयोग के सचिव एसएस रावत ने भी आयोग के स्तर से कार्रवाई की।
बताया जाता है कि कैलाश चंद्र जोशी को परीक्षा अनुभाग से हटाते हुए लोक सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। समीक्षा अधिकारी बीएल बहुगुणा को अधियाचन अनुभाग से हटाकर बाध्य प्रतीक्षा में डाल दिया है।सहायक समीक्षा अधिकारी प्रवीण राणा को लोक सूचना अधिकारी से हटाकर अधियाचन अनुभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रभारी अनुसचिव राजन नैथानी को विभागीय नियमावली आदि के कार्यों से हटाकर जांच से संबंधित काम दिए गए हैं। अनुभाग अधिकारी संतोष कुमार निराला को परीक्षा से गोपन, सहायक लेखाकार भरत सिंह चौहान को बजट से लेखा के सभी काम, सुभाष घिल्डियाल को अधियाचन से हटाकर परीक्षा अनुभाग, प्रमीत अधिकारी को अति गोपन से हटाकर गोपन अनुभाग, सतीश चंद्र उप्रेती को विधि, बबीता को परीक्षा अनुभाग, सपना को परीक्षा अनुभाग, अरविंद सिंह को गोपन अनुभाग, अनिल कुमार को विधि अनुभाग, विनीत रावत को गोपन और पंकज सुंद्रियाल को लेखा अनुभाग की जिम्मेदारी दी गई है।जैसे जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है ,वैसे वैसे राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.आरोप है कि इन घोटाले में राज्य सरकार के बड़े अफसर,दलाल और मंत्री स्तर के लोग शामिल हैं जिन्होंने अपने-अपने रिश्तेदारों की भर्तियां करवाईं.इन नामों की बाकायदा एक लिस्ट भी जारी हो चुकी है.उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि फर्जीवाड़े से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
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