उत्तरप्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. सपा ने अखिलेश यादव की पत्नी को मैनपुरी सीट से उतारने का फैसला किया है. बता दें कि सपा संरक्षक मुलायक सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी की सीट खाली हुई थी. जिसके बाद सपा पर मुलायक की विरासत को बचाने की जिम्मेदारी थी. इसी सिलसिले में सपा ने उनकी बहू (डिंपल यादल) को मैनपुरी सीट से प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि आज से मैनपुरी सीट पर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
इन उपचनावो में मैनपुरी सबसे हॉट सीट बनी हुई थी. जिसको लेकर सपा में काफी दिनों से सस्पेंस चल रहा था. शुरुआत में चाचा शिवपाल को लेकर भी खबरें आई थी. लेकिन एक बार शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच लाइन खिंचती नजर आई. इसके बाद तेज प्रताप यादव और धर्मेंद्र यादव के नाम पर भी काफी विचार हुआ था. लेकिन नाम जो सामने आया उसने वो डिंपल यादव का आया. इस सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह का दवदबा रहता था. और उनके होते हुए किसी को भी इस सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं था. इसलिए बीजेपी ने मैनपुरी का किला किसी भी हाल में भेद सकती थी. जिसको ध्यान में रखते हुए. समाजवादी ने डिंपल यादव को वहां से प्रत्याशी बनाया है.
बात अगर डिंपल यादव के चुनावी सफर की करें, तो उनका कैरियर में काफी ज्यादा उतार चढ़ाव रहे हैं. डिंपल यादव अपना पहला चुनाव ही हार गई थी. लेकिन उसके बाद भी उन्होने अपने उपर भरोसा बनाए रखा. उनके भाषणों में शालीनता साफ दिखती है, यही वजह है कि वह कम समय में ही लोगों के दिलों में उतरती चली गईं. उन्होने अपना पहला चुनाव फिरोजबाद लोकसभा सीट पर लड़ा था. लेकिन वो कांग्रेस नेता राज बब्बर के सामने हार गई थी. बता दें कि सीट अखिलेश यादव ने छोड़ दी थी.
इसके बाद अखिलेश यादव ने 2012 में कन्नौज सीट छोड़ दी और फिरा यहां भी उपचुनाव हुआ. सपा ने एक बार डिंपल यादल पर भरोसा जताया और उन्हे उम्मीदबार बनाया. लेकिन इस बार बसपा, कांग्रेस और सपा ने अपना कोई उम्मीदवार इस सीट नहीं उतारा. जबकि, दो लोगों के नामांकन वापस ले लिए गए थे. जिसके बाद डिंपल निर्विरोध चुनाव जीतने में कामयाब रहीं. वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में भी वह कन्नौज सीट बचा ले गईं थी. लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
मैनपुरी उपचुनाव की जंग अब काफी दिलचस्प हो गई है. क्योंकि सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाकर अपना दांव खेल दिया है. इसके साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी इस मैदान पर अपनी ताल ताल ठोंकी है. उन्होने रमाकांत कश्यप को प्रत्याशी बनाया है. रमाकांत पूर्व कैबिनेट मंत्री भी रहे चुकें है. लेकिन बीजेपी ने अभी तक अपना प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है.
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