दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रेप 4 (GRAP-4) फिलहाल जारी रहेगा. स्कूल को फिलहाल खोलना है या नहीं इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM ) को निर्देश दिया है कि आगे वो तय करें. CAQM को कल तक इस मामले पर निर्णय लेना है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच 28 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने कहा कि ग्रेप-4 के कारण समाज के कई वर्ग प्रभावित हुए हैं. CAQM के पास अधिनियम के तहत विभिन्न अधिकारियों को निर्देश जारी करने की सभी शक्तियां हैं. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मजदूरों और दैनिक ग्रामीणों की श्रेणी में व्यक्तियों को नुकसान न हो.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया कि वायु प्रदूषण की स्थिति अभी भी बहुत खराब है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, अभी भी AQI 600 के पार है, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमें कमिश्नर रिपोर्ट दिखाए. वकील मेनका गुरुस्वामी ने स्कूल बंद होने के बारे में जिक्र किया. जीएनसीटीडी के वकील ने कहा कि रिपोर्ट में 10 बिंदु हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखे बिना हम कह सकते हैं कि अभी भी कोई जांच बिंदु नहीं हैं. हम जानना चाहते थे कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं जो ऐसे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं.
कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली सरकार परिवहन विंग से कोई कर्मी नहीं था. चेक हो रही थी लेकिन यह कितना प्रभावी था यह देखना होगा. हमने सभी 83 चेक पॉइंट देखे और सभी के पास चेक पोस्ट की कुछ परिभाषा थी.
ट्रकों को रोकने के लिए बीच सड़क पर पुलिस वाले कूद रहे थे. पुलिस कर्मियों की भी जान खतरें में हैं. क्योंकि वहां कोई बैरिकेडिंग भी नहीं है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा-दिल्ली सरकार ने लोगों को यह सूचित करने के लिए क्या कदम उठाए गए है.
एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि हमें निर्देश मिले हैं कि जब ग्रेप-4 लागू किया गया था तो CAQM द्वारा ऐसे सभी 23 बिंदुओं पर लिखित आदेश जारी किया गया था, यह सभी 23 बिंदुओं पर था. इसपर कोर्ट ने कहा कि 23 प्वाइंट पर पुलिस तैनात करना और अन्य पर नहीं तैनात करना लापरवाही है. ठीक है, हम दिल्ली पुलिस आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे. एएसजी ने कहा कि ये बिल्कुल भी नए प्रवेश बिंदु नहीं हैं, वहां एमसीडी चेक पॉईंट हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक प्रवेश बिंदु को GRAP-4 के तहत कवर किया गया था. हम CAQM से यहां उल्लिखित सभी एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहेंगे. साथ ही उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहेंगे, हमें AQI आंकड़े दिखाएं.
-भारत एक्सप्रेस
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