अमेरिका में आईटी कंसल्टेंसी चलाने वाले भारतवंशी अमेरिकी नागरिक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पहली पत्नी के बराबर गुजाराभत्ता की मांग करने वाली दूसरी पत्नी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने 12 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है.
पति ने सुप्रीम कोर्ट से संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने पूरी तरह टूट चुके विवाह को रद्द करने की अपील की थी. दूसरी पत्नी के जवाब में कहा कि उसे भी पहली पत्नी के बराबर स्थायी गुजारा भत्ता मिलना चाहिए. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमें पार्टियों के जरिए दूसरे पक्ष के साथ जयदाद के बराबर के रूप में गुजारा भत्ता मांगने पर आपत्ति है. अक्सर देखा जाता है कि भरण पोषण या गुजारा भत्ता के लिए अपने आवेदन में पार्टियां अपने जीवन साथी की संपत्ति, स्थिति और आय को उजागर करती है. फिर अपने पार्टनर से आधी संपत्ति चाहती है.
कोर्ट ने पूछा कि जब पति-पत्नी की जायदाद अलग होने के बाद काफी कम हो गई तो ऐसी मांगे क्यों नही की गई? कोर्ट ने कहा कि भरण पोषण का कानून अलग हुई पत्नी को अभाव से बचाने के लिए, उसकी गरिमा बनाए रखने के लिए और सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए है. कोर्ट ने पूछा हमें हैरानी है कि अगर पति अलग होने के बाद कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से कंगाल हो जाता है तो क्या पत्नी उसके साथ संपत्ति के बराबर होने की मांग करने को तैयार होगी.
आगे कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को इस बात को लेकर सावधान रहने की जरूरत है कि उनके हाथों में सख्त प्रावधान उनके कल्याण के लिए लाभकारी कानून है, न कि उनके पतियों को दंडित करने के लिए, धमकाने या उनसे जबरन वसूली करने का साधन.
इस मामले में पत्नी ने कोर्ट में दावा किया था कि उसके पति का 5 हजार करोड़ रुपए का बिजनेस है. साथ ही अमेरिका और भारत में कई प्रॉपर्टी है. महिला के कोर्ट में यह भी बताया था कि पति ने अपनी पहली पत्नी से अलग होते समय 500 करोड़ की प्रॉपर्टी और वर्जीनिया में घर दिया था.
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दरअसल अमेरिका में आईटी कंसल्टेंसी चलाने वाले भारतवंशी अमेरिकी नागरिक की दूसरी शादी एक साल भी नही चली. उन्होंने 31 जुलाई 2021 को भारत की एक महिला के साथ शादी की. क्योंकि पहली पत्नी से तलाक हो गया था. उन्होंने गुजाराभत्ता के रूप में पहली पत्नी को 500 करोड़ रुपये दिए थे. दूसरी पत्नी भी 500 करोड़ रुपए गुजारा भत्ता की मांग कर रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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