Maha Kumbh 2025: 13 जनवरी को महाकुंभ 2025 की शुरुआत हुई, जब 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने ठंडे संगम के पानी में पवित्र डुबकी लगाई. संगम की त्रिवेणी, जहां गंगा, यमुनाऔर सरस्वती नदियां मिलती हैं, आज आस्था और आध्यात्मिकता का केन्द्र बनी.
पौष पूर्णिमा के मौके पर हुई इस पवित्र स्नान में श्रद्धालु अपनी आस्था को व्यक्त करते हुए संगम के पानी में डूबकी लगा रहे थे. हेलिकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की गई, जिससे माहौल में दिव्यता का अहसास हुआ. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे भारत की विविधता में एकता का प्रतीक बताया.
सर्दी और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं का जोश देखने लायक था. तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरने के बावजूद लाखों लोग बिना रुके त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे. इसके अलावा, इस साल का कुंभ खास है क्योंकि यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना के साथ मेल खाता है, जो केवल 144 साल में एक बार होती है.
इस बार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं का भी अच्छा खासा जमावड़ा था. दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों के लोग धार्मिक यात्रा पर आए थे. यूरोप, रूस और अमेरिका से भी श्रद्धालु इस महोत्सव में शामिल हुए.
कुंभ मेला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए 50,000 कर्मियों को तैनात किया था. पहले स्नान का समय शांति से बीतने की खबर आई है, और प्रशासन ने इसे सफलतापूर्वक संपन्न होने की घोषणा की.
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