Kainchi Dham Neem Karoli Baba Ashram: एक बार एक ट्रेन में एक साधुवेश धारी एक बाबा यात्रा कर रहे थे. तभी टीसी उनके पास आता है और उनसे टिकट मांगता है. जब बाबा कहते हैं कि उनके पास टिकट नहीं है तो वह नाराज होता हुआ, उन्हें अगले स्टेशन पर उतरने को कहता है. वह साधु चुपचाप अगले स्टेशन पर उतर कर वहीं बैठ जाते हैं. ट्रेन लाख कोशिशों के बाद भी चालू नहीं होती है. जब सब थक हार गए तो यात्रियों ने टीसी को बाबा से अनुरोध कर उन्हें ट्रेन में आने का निवेदन करने को कहा. बाबा के ट्रेन में चढ़ते ही ट्रेन स्टार्ट हो गई.
बस उस दिन से बाबा का यह किस्सा आसपास के इलाके में आग की तरह फैल गया. यह बाबा कोई और नहीं बल्कि जग प्रसिद्ध नीम करोली बाबा थे. बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर में उनका जन्म हुआ था.
उत्तराखंड में बाबा द्वारा बसाया गया कैंची धाम आज बेहद प्रसिद्ध है. बाबा नीम करोली हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे. माना जाता है कि उन्हें तमाम तरह की सिद्धियां प्राप्त थी. देवरहवां बाबा ने भी उन्हें एक अध्यात्मिक व्यक्ति बताया था. बाबा के चमत्कारों की कई कहानियां उनके भक्त आज भी सुनाते हैं. देश और विदेश से लोग उनके इस कैंची धाम में दर्शन के लिए आते हैं. कुछ लोग बाबा को हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं. बाबा का यह आश्रम नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है. यहां हर साल जून के महीने में 15 तारीख को एक विशाल मेले का आयोजन होता है. जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक रहती है.
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जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स और बाबा नीम करोली
बाबा के भक्तों में कई नामी गिरामी हस्तियां शामिल हैं. इनमें फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का नाम भी आता है. कहते हैं कि ये दोनों तब बाबा के बनाए इस मंदिर आए थे, जब उनकी जिंदगी आम आदमी की तरह मुश्किलों के घिरी थी. लेकिन आश्रम से जाने के बाद उन्होंने कभी पलटकर पीछे नहीं देखा. 11 सितंबर 1973 को बाबा ने वृंदावन में अपना शरीर त्याग दिया था. और यह दोनों उनके शरीर त्यागने के बाद गए थे.
प्रसिद्ध लेखक रिचर्ड अल्परट ने भी अपनी किताब ‘मिरेकल ऑफ लव’ में नीम करोली बाबा का जिक्र किया है. जिसमें उनके द्वारा किये गए चमत्कारों के बारे में भी बताया गया है. माना जाता है कि कैंची धाम में बाबा के चमत्कार आज भी होते हैं.
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