Bhadrapada Month 2024 Vrat Tyohar List: आज यानी 20 अगस्त से भाद्रपद का महीना शुरू हो रहा है. भाद्रपद को भादो के नाम से भी जाना जाता है. यह महीना मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण, भगवान गणेश और पितृ देव को समर्पित है. भाद्रपद के महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गणेश उत्सव और पितृ पक्ष जैसे कई प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद का महीना 20 अगस्त से 18 सितंबर 2024 तक चलने वाला है. आइए, भाद्रपद मास में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों के बारे में जानते हैं.
मंगलवार, 20 अगस्त 2024 – भाद्रपद मास आरंभ
गुरुवार, 22 अगस्त 2024 – कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत
शनिवार, 24 अगस्त 2024 – बलराम जयंती
रविवार, 25 अगस्त 2024 – भानु सप्तमी
सोमवार, 26 अगस्त 2024 – श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
मंगलवार, 27 अगस्त 2024 – दही हांडी
गुरुवार, 29 अगस्त 2024 – अजा एकादशी
शनिवार, 31 अगस्त 2024 – शनि प्रदोष व्रत
सोमवार, 2 सितंबर 2024 – भाद्रपद अमावस्या, दर्श अमावस्या
शुक्रवार, 6 सितंबर 2024 – हरतालिका तीज, वराह जयंती
शनिवार, 7 सितंबर 2024- गणेश चतुर्थी
रविवार, 8 सितंबर 2024 – ऋषि पंचमी
मंगलवार, 10 सितंबर 2024- ललिता सप्तमी
बुधवार, 11 सितंबर 2024- राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ, दूर्वा अष्टमी
शनिवार, 14 सितंबर 2024 – परिवर्तिनी एकादशी
रविवार, 15 सितंबर 2024 – प्रदोष व्रत, वामन जयंती
सोमवार, 16 सितंबर 2024 -विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
मंगलवार, 17 सितंबर 2024 – गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध
बुधवार, 18 सितंबर 2024 – भाद्रपद पूर्णिमा, पितृ पक्ष प्रारंभ, चंद्र ग्रहण
भाद्रपद यानी भादो मास का खास धार्मिक महत्व है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. भाद्रपद मास में प्रथम पूज्य भगवान गणेश का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. मान्यता है कि इस महीने में विघ्नहर्ता भगवान गणेश का जन्म हुआ था.
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसलिए, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत सोमवार, 26 अगस्त को रखा जाएगा. जबकि, जन्मोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को देर रात 3 बजकर 39 मिनट से होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 27 अगस्त को देर रात 2 बजकर 29 मिनट पर होगी.
दृक पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह 6 बजकर 22 मिनट से बाद किया जा सकता है. हालांकि, कई स्थानों पर निशिता काल यानी मध्यरात्रि के बाद किया जाता है. निशिता काल का पारण 27 अगस्त को देर रात 1 बजकर 3 मिनट के बाद किया जा सकता है.
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