serpentine-stone: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है. एक और जहां अलग-अलग ग्रह की कुंडली में स्थिति अनुसार रत्न धारण करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी जाती है वहीं यह भी देखने में आता है कि कुंडली में कई तरह के दोषों को दूर करने के लिए भी रत्न बेहद कारगर हैं. प्रमुख रत्नों के अलावा कई तरह के उप रत्न भी होते हैं.
आमतौर पर कुछ रत्न बड़ी आसानी से मिल जाते हैं तो कुछ बड़े ही दुर्लभ होते हैं. इस तरह के रत्नों को खोजना बड़ा ही मुश्किल होता है. ऐसा ही एक रत्न है सरपेंटाइन. इसे जहरमोहरा भी कहा जाता है. जैसा कि इसका नाम है उसी अनुसार इसके प्रभाव से सांप का जहर भी मध्यम पड़ जाता है.
इसके अलावा माना जाता है कि यह रत्न कई तरह के औषधिय गुणों से भरपूर है. तंत्र मंत्र के जानकार बताते हैं कि इसका उपयोग कई तरह की आध्यात्मिक साधना में भी किया जाता है, जिनमें कुछ लोग इसे कुंडलिनी साधना के दौरान भी धारण करते हैं. इसे आप अष्ट धातु की अंगूठी में या माला के रूप में भी धारण कर सकते हैं. अगर आप इसे गले में पहन रहे हैं तो इसे किसी पीले धागे में बांधकर ही पहनें. इस दौरान शुद्धता का विशेष ख्याल रखें.
सरपेंटाइन के निर्माण में मुख्य रूप से लोहा, सिलिकेट्स, जस्ता, एल्युमिनियम और मैंगनीज के सिलिकेट्स होते हैं. इस कारण यह कई रंग का होता है. बात करें कि यह कैसा दिखता है तो इसका रंग हल्का सफेद, पीला और हरे रंग का मिश्रण होता है.
जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष के दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, उनके लिए यह रत्न काफी फायदेमंद है, लाख कोशिशों के बावजूद भी यदि आप पितृदोष को दूर नहीं कर पा रहे हैं तो एक बार इसे आजमा कर देखें. मात्र धारण करने के कुछ दिनों बाद ही इसके परिणाम सामने आने लगते हैं. इसके अलावा यह इंसान की मानसिक क्षमता का विकास भी करता है. यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में इसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है.जहर मोहरा रत्न को भी धारण करने से पहले योग्य ज्योतिष से सलाह अवश्य लें.
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